मावली मंदिर फिंगेश्वर में 1201 मनोकानाज्योत कलशों की होगी स्थापना

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राजिम। हर साल की तरह इस बार मावली माता मंदिर फिंगेश्वर में शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 7 अक्तूबर को एक हजार दो सौ एक मनोकाना ज्योत कलशों के प्रज्जव्लन के साथ होगी।7 अक्तूबर मावली माता के अभीष्ट दिन गुरूवार को अभिजित मुहूर्त प्रातः 11.36 से 12.24 घट स्थापना की जाएगी। 10 अक्तूबर रविवार को पंचमी श्रृंगार, 12 अक्तूबर मंगलवार को सप्तमी नवा खाई,13 अक्तूबर बुधवार को मावली माता मंदिर प्रांगण में हवन और 14 अक्तूबर गुरुवार को महा नवमी की शाम को कलश शाॅति व जॅवारा विसर्जन किया जाएगा। सालों से फिंगेश्वर दशहरा आश्विन शुक्ल त्रयोदशी को बड़े ही धूमधाम से मनाए जाने की परंपरा रही है,इसके पीछे कारण यह रहा है कि पूर्ववर्ती राजा दलगंजन सिंह का देहांत ठीक विजयदशमी के दिन ही हो गया तब से हर साल दशमी तिथि को छोड़ कर त्रयोदशी को स्व.रानी श्यामकुमारी देवी के सानिध्य में मनाया जाने लगा।कालांतर में 6 जुलाई 1984 को रानी श्यामकुमारी देवी के निधन के बाद राजा महेंद्र बहादुर सिंह ने फिंगेश्वर स्टेट व मंदिर ट्रस्ट कमेटी फिंगेश्वर की जिम्मेदारी सम्हाली तभी से उनकी इच्छा के अनुरूप मंदिर ट्रस्ट कमेटी ने फिंगेश्वर दशहरा का आयोजन बहुत ही रोचक व भव्य रूप से मनाने की शुरुआत की जो पूरे छत्तीसगढ़ में बस्तर दशहरा के बाद सब से अधिक चर्चित व प्रसिद्ध है।
किंतु पिछले साल करोना काल में राजा महेंद्र बहादुर सिंह का आश्विन शुक्ल दशमी 26 अक्तूबर को निधन हो जाने के कारण फिंगेश्वर दशहरा स्थगित हो गया और इस साल उनका उसी तिथि पर वार्षिक श्राद्ध होना है। इसलिए मंदिर ट्रस्ट व राजपरिवार ने फिंगेश्वर दशहरा का आयोजन नहीं करने का निर्णय लिया है। उक्त जानकारी राजा देवेन्द्र बहादुर सिंह व नीलेंद्र बहादुर सिंह,सुश्री पुखराज सिंह,यशोधरा सिंह,शिवाजी धुर्वे,राकेश तिवारी,शिवकुमार सिंह, रमेंद्र सिंह,आनंदवर्धन ठाकुर व पंकज शर्मा ने देते हुए शारदीय नवरात्रि में श्रद्धालुओं व दर्शनार्थियों से करोना प्रोटोकॉल के कड़ाई से पालन करने की अपील भी की है।

“संतोष सोनकर की रिपोर्ट”

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