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नवा छत्तीसगढ़ के 36 माह: पक्के मकान की बचपन की ख्वाहिश अब हुई पूरी, हिरन बाई का बना पक्का मकान

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“बी एन यादव की रिपोर्ट”

कोरबा। कोरबा जिले की छुरीकला नगर पंचायत निवासी हिरन बाई बिंझवार की पक्के मकान में रहने की बचपन की ख्वाहिश अब जाकर पूरी हुई है। मोर जमीन-मोर मकान योजना के तहत हिरन बाई को नगर पंचायत के वार्ड नंबर 05 बिंझपुर में 30 वर्ग मीटर क्षेत्रफल का पक्का मकान बनाकर उपलब्ध कराया गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मोर जमीन-मोर मकान घटक के तहत हिरन बाई को मिली आर्थिक सहायता से उनका बचपन से पक्के मकान में रहने का सपना पूरा हो गया है। हिरन बाई बताती हैं कि पक्के मकान में रहने का सपना वे बचपन से देखती थीं। मेहनत-मजदूरी कर जीवन-यापन करने वाले परिवार से जुड़ी हिरन बाई का विवाह खेती-मजदूरी करने वाले परिवार में हो गया। गरीब माता-पिता के पास भी पक्का मकान नहीं था, शादी के बाद ससुराल की हालत भी वैसी ही थी। हिरन बाई के पति की मृत्यु भी कुछ समय पहले ही हुई है। पति की मृत्यु के बाद तो हिरन बाई ने पक्के मकान का अपना सपना भूला ही दिया था। परंतु एक दिन नगर पंचायत के कर्मचारी प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों का चिन्हांकन करते हिरन बाई तक पहुंचे। आवास योजना के तहत निर्धारित मापदण्डों को पूरा करने पर हिरन बाई को पक्के मकान के लिए पात्र पाया गया और उन्हें लगभग 325 वर्ग फिट का पक्का मकान बनाने की स्वीकृति मिली। हिरन बाई बिंझवार बताती हैं कि कच्चे मकान को तोड़कर लोहे की छड़ वाले कॉलम खड़े करके ईंट-सीमेंट का पक्का मकान अब बनकर तैयार हो गया है। मेहनत-मजदूरी कर रोजी-रोटी चलाने वाले गरीब लोगों की मोर जमीन-मोर मकान योजना ने पक्के मकान में रहने की ख्वाहिश पूरी की है। अब मकान के बाहर सुंदर सीढ़ियां भी बन गईं हैं और मकान की दीवार से लगे चबुतरे पर पड़ोसियों के साथ बैठकर बातें करना, सुख-दुःख साझा करने का भी आनंद मिल रहा है। बरसात में, आंधी-तूफान में छत टपकने से घर में पानी भरने, सामान गीला होने जैसी मुसीबतों से भी अब हिरन बाई को छुटकारा मिल गया है।

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