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सतरेंगा की अथाह जलराशि पर सी-प्लेन उतारने की योजना, विमानन विभाग ने मंगाई तकनीकी जानकारी

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कोरबा। तेजी से विकसित हो रहे और पर्यटन मानचित्र पर अपनी अलग पहचान बना रहे कोरबा के सतरेंगा में अब सी-प्लेन उतारने की शासन-प्रशासन की योजना है। सतरेंगा में पहले ही हैलीकॉप्टर उतारने के लिए उच्च स्तरीय हैलीपैड की सुविधा मौजूद है। अब राज्य सरकार हसदेव नदी के बांगो बांध के बैक वॉटर बॉडी पर सी-प्लेन उतारने की योजना बना रही है। राज्य सरकार की मंशानुसार विमानन विभाग और जिला प्रशासन ने इसके लिए संभावनाएं तलाशते हुए प्रयास शुरू कर दिए हैं। विभाग ने सतरेंगा में सी-प्लेन उतारने के लिए जरूरी तकनीकी मापदण्डों पर जानकारी जिला प्रशासन से मांगी है। पर्यटन मण्डल भी सतरेंगा में सुविधाएं बढ़ाने की दिशा में कार्ययोजना बनाएगा। सब कुछ ठीक रहा तो शासन-प्रशासन का यह प्रयास सतरेंगा को पूरे छत्तीसगढ़ राज्य में सी-प्लेन की सुविधा वाला पहला पर्यटन स्थल होने का गौरव जल्द ही दिला देगा।
विमानन विभाग ने जिला प्रशासन से बांगो बांध के बैक वॉटर डुबान क्षेत्र में सी-प्लेन उतारने के लिए जरूरी जलपट्टी की लंबाई और चौड़ाई के साथ अलग-अलग जगहों पर गहराई की जानकारी भी मांगी है। इसके साथ ही सी-प्लेन के संचालन के लिए टर्मिनल बिल्डिंग बनाने के लिए भी उपयुक्त जगह की भी जानकारी चाही गई है। जिला प्रशासन द्वारा इस संबंध में जरूरी सभी जानकारियां विमानन विभाग को उपलब्ध कराने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। जानकारी मिलने के बाद सी-प्लेन उतारने के लिए निर्धारित मापदण्डों के निरीक्षण के लिए विभाग की एक्सपर्ट टीम सतरेंगा का जल्द ही दौरा करेगी। सतरेंगा पहले ही अपनी भव्य जलराशि और प्राकृतिक सौंदर्य से राष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन के क्षेत्र में अपनी पहचान बना चुका है। पिछले दो वर्षों में यहां विकसित हुई सुविधाओं ने बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित किया है। अब सी-प्लेन का रोमांचकारी सफर शुरू होने की संभावना को लेकर शासन-प्रशासन के साथ-साथ पर्यटकों में भी नया उत्साह देखने मिल रहा है। निश्चित ही सी-प्लेन के इस सफर की शुरूआत से सतरेंगा छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी अलग पहचान बना लेगा।
एसडीएम सुनील नायक ने बताया कि विमानन विभाग द्वारा सतरेंगा में सी-प्लेन की सुविधा शुरू करने में रूचि दिखाई जा रही है। इसके लिए आधारभूत रूप से लगभग डेढ़ हजार से दो हजार मीटर लंबी और 200 मीटर चौड़ी खुली वॉटर बॉडी की जरूरत होगी। सतरेंगा की अथाह जलराशि इस आधारभूत मापदण्ड को पूरा करती है। यहां सी-प्लेन के सुव्यवस्थित संचालन के लिए टर्मिनल और यात्रियों-पर्यटकों के लिए रिवर बैंक एयरपोर्टनुमा व्यवस्थाएं भी करने की संभावनाएं तलाशी जाएगी। विमानन विभाग द्वारा सतरेंगा से जुड़ी मांगी गई सभी जानकारियां जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई जा रहीं हैं।
‘‘बीएन यादव की रिपोर्ट”

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