The Popatlal

सच्ची खबर देंगे पोपटलाल

ChhattisgarhPolitics

ईडी लगी हुई है ‘ऑपरेशन कमल’ मेंः गिरीश देवांगन

Spread the love

रायपुर। ईडी की छापेमारी से प्रभावित कांग्रेस नेताओं ने ईडी की कार्यवाही पर पत्रकार वार्ता लेकर अनेक सवाल खड़ा किया। पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुये खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन ने कहा कि पिछले कई महीनों से छत्तीसगढ़ में ईडी के छापों का खेल चल रहा है। जो अब तक कहा गया है उसके अनुसार ईडी कोयले के किसी मामले की जांच कर रही है। कांग्रेस पार्टी भ्रष्टाचार के खिलाफ हर तरह की जांच का स्वागत करती है और हर जांच में हर संभव मदद भी करेगी। लेकिन सवाल ये है कि आखिर किस भ्रष्टाचार की जांच हो रही है और जांच का दायरा क्या है? इसकी मंशा क्या है? लेकिन जैसा कि माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी ने कहा है कि ये छापे अब सिर्फ़ राजनीति से प्रेरित हैं। पिछले कुछ महीनों में सब खुल चुका है। अब साफ़ है कि इन छापों का उद्देश्य वह तो कम से कम नहीं है जो ईडी बता रही है। मेरे साथ श्री ऐजाज़ ढेबर, श्री सुशील सन्नी अग्रवाल हैं और अचल भाटिया हैं। न मेरा कोई सरोकार कोयले से है, न ऐजाज़ ढेबर का, न सन्नी अग्रवाल का और न अचल भाटिया का। मैं, ऐजाज़ ढेबर और सन्नी अग्रवाल तो कांग्रेस पार्टी के सदस्य हैं और निगमों में पदाधिकारी हैं लेकिन अचल भाटिया तो विशुद्ध रूप से कारोबारी हैं। हम ईडी से और उनके राजनीतिक आकाओं से पूछना चाहते हैं कि हमारे घरों पर छापे किस केस में डाले गए हैं? हमारे घरों की तलाशी क्यों ली गई? हमारे बयान क्यों दर्ज किए गए? हम जानना चाहते हैं कि क्या ईडी ने कोयले वाले मामले के अलावा कोई और केस दर्ज किया है? क्या अब ईडी किसी नए मामले की जांच कर रही है जिसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है? और अगर ऐसा है कि तो हमें मिले सम्मनों में कोयले वाले मामलों का ही उल्लेख क्यों है? हमें लगता है कि ईडी ‘ऑपरेशन कमल’ में लगी हुई है और इसके लिए वह छत्तीसगढ़ में कोयले के कारोबार का आड़ ले रही है। हम चार लोग तो आपसे बात कर रहे हैं, लेकिन इस प्रदेश में सैकड़ों लोगों को ईडी प्रताड़ित कर रही है, इसमें अधिकारी हैं, ज़मीनों के छोटे कारोबारी हैं, कुछ ट्रांसपोर्टर हैं और कई बड़े कारोबारी भी हैं। *हम मांग करते हैं कि* 1. ईडी बताएं कि वह किस-किस मामले की जांच कर रही है? 2. किस मामले में कौन सी एफ़आईआर दर्ज की गई है और उसके विवरण क्या हैं? 3. अब तक के छापों में ईडी को कहां क्या मिला है? कितनी नक़दी ज़ब्त की गई है और कितनी बेनामी संपत्तियों का पता लगा है? 4. जिनके यहां छापे मारे जा रहे हैं उनका दर्ज केसों से क्या नाता है? 5. अगर ईडी वैधानिक छापे नहीं मार रही है तो फिर क्यों उनके अधिकारी सबके घरों में जाकर यह कह रहे हैं कि वे राजनीतिक दबाव में कार्रवाई कर रहे हैं? हम ईडी से स्पष्ट रूप से कहना चाहते हैं कि वे अपने राजनीतिक आकाओं के कहने पर चल रहा यह ‘ऑपरेशन कमल’ बंद करे. और कांग्रेस पार्टी, कांग्रेस की सरकार और सरकार में बैठे लोगों से नज़दीकी होने के आधार पर कार्रवाई करना बंद करे। ईडी जिस तरह से लोगों को प्रताड़ित कर रही है वह ग़ैर क़ानूनी है. जो अधिकारी ऐसा कर रहे हैं उनकी जवाबदेही किसी राजनीतिक दल के प्रति नहीं बल्कि संविधान के प्रति होनी चाहिए। पत्रकार वार्ता को महापौर एजाज ढेबर, भवन सन्निर्माण कर्मकार मंडल के अध्यक्ष सुशील सन्नी अग्रवाल, व्यवसायी अचल भाटिया ने भी अपनी आपबीती बताया। पत्रकार वार्ता की शुरुआत में कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस सरकार का सीधा राजनैतिक मुकाबला नहीं कर पा रही तो वह ईडी को आगे कर के अपने मंतव्य पूरा करना चाहती है। जैसे भाजपा का मोर्चा संगठन, भाजपा युवा मोर्चा है, भारतीय जनता महिला मोर्चा, किसान मोर्चा है वैसे ही ईडी भी अब भारतीय जनता ईडी मोर्चा, आईटी, भारतीय जनता आईटी मोर्चा, सीबीआई, भारतीय जनता सीबीआई मोर्चा बन चुकी है। पत्रकार वार्ता में प्रभारी महामंत्री प्रशासन रवि घोष, प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर, अजय साहू, मणी वैष्णव उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *