छत्तीसगढ़ की सियासत का अजीबो गरीब खेल,प्यादा समझ कर जिसे पीटना चाहा,वो वजीर बन गया
और शह देने वाले भी दुश्मन नहीं बल्कि अपने निकले
हाका पाड़ने वालो का तो चारा भी गया और अब वो खुद बचने की फिराक में
एक दांव जो उल्टा पड़ गया,शिकारी खुद अपने ही जाल में फंस गया,
हालत सांप छछूंदर जैसी, न उगलते बन रहा है,न निगलते।
राजनीति में कुछ भी स्थाई नहीं होता ये साबित हुआ #छत्तीसगढ में।जिसे सिर्फ राज्य का प्रभारी समझ कर निपटाने की साजिश शुरू हुई वो आज Bharatiya Janata Party (BJP) के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए है।जी हां हम बात कर रहे है नितिन नबीन की।उन्हें निपटाने निकले छत्तीसगढ़ में अपना वर्चस्व बनाए रखने की चाह रखने वाले कथित सदाचारी और उनके चाहते पैराशूट लीडर ने बीते दिनों एक बड़ा पॉलिटिकल गेम खेला था।समय के साथ जिसमें कॉम्प्लिकेशन बढ़ते चले गए और अब हालात ये है कि दोनों को ही अब खुद को बचाने में पूरी ताकत लगानी पड़ रही है।
उन्हें नहीं पता था कि नितिन नबीन कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त कर दिए जाएंगे।राज्य के प्रभारी के तौर पर उनकी टोका टाकी और फाइनेंशियल मैटर्स में सत्ता से संगठन की दूरी वाली पॉलिसी से परेशान होकर सत्ता पर गुपचुप पकड़ बना चुके व आबकारी जैसी महत्वपूर्ण नीतियों को जकड़ चुके पर्दे के पीछे के खिलाड़ियों को नितिन नबीन ने पार्टी की पॉलिसी का पाठ पढ़ा दिया था।
सत्ता और संगठन दोनों को अपने इशारों पे नचाने की चाह रखने वालों को Nitin Nabin नितिन नबीन की कड़वी दवा का डोज डाइजेस्ट नहीं हुआ और उन्होंने इसका तोड़ निकालने के लिए नितिन नबीन के ही खिलाफ फ्रंट ओपन कर दिया।बिहार चुनाव के दौरान शिकायतों का दौर शुरू हुआ और इससे पहले नितिन नबीन पर कोई असर पड़ता सीएम विष्णु देव साय के खिलाफ एक वीडियो वायरल हो गया।
इस वीडियो के वायरल होने तक नितिन नबीन की ताजपोशी कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में हो गई।अब शीर्ष नेतृत्व ने इस वीडियो से चिंतित होकर वीडियो की ही जांच करवा डाली।
जांच में जो तथ्य आए वो बेहद चौंकाने वाले निकले।वीडियो जारी करने के लिए कंधा जरूर विरोधियों का इस्तेमाल किया गया मगर उसे लांच करने वाले हाथों तक पहुंचते पहुंचते बात खुद के घर तक पहुंचने लगी।
आनन फानन में हुई गिरफ्तारी और फरारी के बीच जब जांच की आंच असली खिलाड़ियों तक पहुंचने लगी तो फिर बात आई बैठे बिठाए विपक्ष को एक बेहद गंभीर मुद्दा न मिल जाए।और फिर जांच को छोटी मछलियां तक ही सीमित कर मगरमच्छों को फिलहाल टाइम दे दिया गया है।मगर ये बात शीर्ष नेतृत्व तक पहुंच गई है घर को आग घर के चिराग से लग रही थी न कि दुश्मन फूंक मार रहा था।
बहरहाल नितिन नबीन पर चलाया गया तीर उल्टा होकर वापस तो लौट गया है,मगर पूरे प्रदेश में इस बात को लेकर हंगामा मचा हुआ है।पार्टी विद द डिफरेंस,में डिफरेंस का मतलब दूसरी पार्टियों से नहीं अपनी ही पार्टी के डिफरेंस से है,ये साबित होता नजर आ रहा है।।

