रबी फसल के लिये खाद की आंबटन में कटौती करना मोदी सरकार का किसान विरोधी चरित्र -राकेश तिवारी
राजिम। केन्द्र सरकार के द्वारा छत्तीसगढ़ के खाद आंबटन में की गयी कटौती पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये गरियाबंद जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष राकेश तिवारी ने कहा कि जब से केन्द्र में मोदी भाजपा की सरकार आयी है उस दिन से लेकर आज तक किसानों के उपर आफत ही आफत आ रही है। फसल लगाने से लेकर उपज को बेचने तक किसानों को मोदी निर्मित आप्राकृतिक आपदाओं से जूझना पड़ता है। छत्तीसगढ़ में खरीफ फसल लगाने के समय किसानों के लिये 11.75 लाख मीट्रिक टन खाद की मांग की गयी थी, जिसमें कटौती कर 5.75 लाख मीट्रिक खाद की आपूर्ति की गयी थी। अब रवि फसल लगाने वाले किसानों के लिये राज्य सरकार ने केन्द सरकार से 7.50 लाख टन खाद की मांगी की थी, जिसमें कटौती कर 4.11 लाख टन खाद देने की सहमति दी गयी और मात्र 3.20 लाख टन की आपूर्ति की गयी। रवि फसल के लिये 3.50 लाख टन यूरिया, 2 लाख टन डीएपी, 50 हजार टन पोटाश, 75 हजार टन एनपीके, 75 हजार टन सुपरफास्फेट की आवश्यकता है जिसमें मोदी सरकार ने 45 प्रतिशत की कटौती कर दी गयी है। जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष राकेश तिवारी ने कहा कि किसानों के नाम से घड़ियाली आंसू बहाने वाले भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह,नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक,भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय छत्तीसगढ़ के लिये मांगी गयी खाद के आंबटन में मोदी सरकार के द्वारा की गयी कटौती पर मौन क्यों हैं? मोदी सरकार को छत्तीसगढ़ को मांग के अनुसार खाद की आपूर्ति करने कब पत्र लिखेंगे? तिवारी ने आगे कहा कि शपथ लेने के बाद मोदी जी ने सार्वजनिक तौर पर रासायनिक खादो की आपूर्ति कम करने की घोषणा की थी वो दिख रहा है। पहले बजट में किसानों को मिलने वाले खाद की सब्सिडी के लिये 1 लाख 40 हजार करोड़ का प्रावधान था, जिसे कटौती कर 1 लाख 5 हजार करोड़ कर दिया गया। फूड सब्सिडी पहले बजट में 2 लाख 86 हजार करोड़ रूपये था, उसे कटौती कर 2 लाख 6 हजार करोड़ कर दिया गया। इससे समझ आता है मोदी सरकार की नीति में किसानों की उन्नति के लिये कार्य करना नहीं है।