हसदेव पर मुख्यमंत्री भूपेश का बड़ा बयान:बाबा नहीं चाहते तो पेड़ क्या एक डंगाल भी नहीं कटेगी
रायपुर। मुख्यमंत्री बघेल ने हसदेव अरण्य में पेड़ों की कटाई मामले पर बड़ा बयान दिया है। कहा कि बाबा साहब (टीएस सिंहदेव) उस क्षेत्र के विधायक हैं। अगर वे नहीं चाहते तो वहां पेड़ क्या एक डंगाल भी नहीं कटेगा। मुख्यमंत्री का यह बयान टीएस सिंहदेव के हसदेव अरण्य दौरे के बाद आया है। मुख्यमंत्री ने मंगलवार को नवा रायपुर में पत्रकारों के सवालों पर कहा कि इस मामले में हमारे बाबा साहब (टीएस सिंहदेव) का भी बयान आया है।
इससे पहले टीएस सिंहदेव ने 6 जून को सरगुजा के हरिहरपुर गांव जाकर हसदेव अरण्य में खनन परियोजनाओं का विरोध कर रहे ग्रामीणों से मुलाकात की थी। ग्रामीणों से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा था, व्यक्तिगत रूप से मेरा मानना है कि घने जंगलों का विनाश करके कोयला खनन नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा, अगर ग्रामीण एक राय रहे तो उनकी जमीन कोई नहीं ले सकता।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भाजपा पर भी हमला बोला है। उन्होंने कहा, अगर उनको लगता है कि स्थानीय लोग खनन का विरोध कर रहे हैं। वहां खदान नहीं खुलनी चाहिए तो केंद्र सरकार से मिलें। वहां बात कर कोल ब्लॉक का आवंटन ही रद्द करा दें। न रहेगा बांस और न बजेगी बांसुरी। भाजपा ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राज्य सरकार पर जबरन खनन का आरोप लगाया है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, कोल ब्लॉक का आवंटन तो केंद्र सरकार करती है। पर्यावरण अधिनियम केंद्र सरकार का है। वन अधिनियम केंद्र सरकार का है। सारे नियम केंद्र सरकार के। एलॉटमेंट करने का अधिकार भी केंद्र सरकार के पास है। अनुमति देने का अधिकार भी उनके पास। भाजपा नेताओं को अपना विरोध केंद्र सरकार से जताना चाहिए।
इसी इलाके में राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम को चार कोयला खदानें आवंटित है। एक में खनन 2012 से चल रहा है। इसका विस्तार होना है। वहीं एक को अंतिम वन स्वीकृति मिल चुकी है। इसके लिए 841 हेक्टेयर जंगल को काटा जाना है। वहीं दो गांवों को विस्थापित भी किया जाना है। स्थानीय ग्रामीण इसका विरोध कर रहे हैं।