चैतरा में मातर उत्सव की रही धूम
“संतोष सोनकर की रिपोर्ट”
राजिम। चैतरा में मातर उत्सव की धूम देखने को मिली। रावत समाज के द्वारा रंग-बिरंगे परिधान पहनकर जैसे ही नृत्य करने के लिए हाथ में लाठी लेकर निकले उसके बाद तो दोहा कहते हुए वाद्य यंत्रों की धुन पर थिरकते हुए छाप छोड़ रहे थे। इससे छत्तीसगढ़ की परंपरा स्पष्ट रूप से परिलक्षित हो रही थी। इस मौके पर उपस्थित सेवादल के जिला कांग्रेस अध्यक्ष सुघ्घरमल आडे ने कहा कि रावत नाचा हमारी संस्कृति है इससे छत्तीसगढ़ की संस्कृति पल्लवित होता है। बच्चे से लेकर युवा एवं बूढ़ा व्यक्ति भी मातर में दोहा बोलकर नृत्य करता है और गौरवान्वित महसूस करता है। उन्होंने उपस्थित सभी लोगों को दीपावली की बधाई दी। मौके पर उपस्थित उज्जवल दिव्यांग कल्याण संघ के जिलाध्यक्ष जागेश्वर साहू ने कहा कि छत्तीसगढ़ में सुआ, करमा, ददरिया, पंथी, देवार गीत, राउत नाचा की अपनी अलग महत्व है। लोक संस्कृति एवं लोक धुन छत्तीसगढ़ की पहचान है। इससे हमारी संस्कृति पोठ होती है। सरपंच चोवा खुटे, सहायक जिला अधिकारी जीआर आंडे, संजय कंडरा, वासुदेव यादव, पीलू यादव, मेघनाथ यादव, ताराचंद हरदेव, हरि, रवि साहू, विष्णु साहू, सत्यनारायण यादव, धनीराम सहित अनेक लोग मातर मड़ई में सम्मिलित हुए। इस मौके पर बड़ी संख्या में ग्राम वासियों की उपस्थिति रही।