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छत्तीसगढ़ के युवा साहित्यकारों की ऑनलाइन काव्य गोष्ठी

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“संतोष सोनकर की रिपोर्ट”

राजिम। छत्तीसगढ़ के युवा प्रतिष्ठित कवियों ने गुगल मीट के माध्यम से ऑनलाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन किया और राष्ट्र के सैनिकों के प्रति अपनी भावनाओं की अभिव्यक्ति दी। कार्यक्रम की शुरुआत युवा गीतकार जांजगीर जिले के उमाकांत टैगोर ने सरस्वती वंदना से की।तत्पश्चात गीत वीर सपूतों की कुर्बानी हमको याद रहेगी की प्रस्तुति दी। रायगढ़ जिले से ओज के सशक्त कवि दुर्गाशंकर इजारदार ने ओज की पंक्तियाँ चलो जी याद कर लें हम शहीदों की निशानी को पढ़कर राष्ट्र की वंदना की। कवर्धा से उभरते हुए ग़ज़लकार डीपी लहरे मौज ने ग़ज़लों के माध्यम से अपनी प्रस्तुति दी। राजिम गरियाबंद से युवा शायर जितेंद्र सुकुमार साहिर ने मुक्तक कट गए सर तो भी अपना यह तिरंगा न झुका मैं शहीदों की शहादत को नमन करता हूँ से शुरुआत करते हुए शानदार ग़ज़लें पढ़कर कार्यक्रम को गति प्रदान किया। इसके पश्चात गरियाबंद से ही युवा छंदकार वीरेंद्र कुमार साहू ने सवैया छंद में देश प्रेम की अपनी भावना को अभिव्यक्त किया। पलारी बलौदाबाजार से पूरन जायसवाल ने मुक्तक लड़खड़ाई है जब भी यह दुनिया,मेरे भारत ने ही संभाला है से शुरुआत करते हुए एक नज़्म के साथ अपनी प्रस्तुति को अंजाम दिया। अंत में आज के कार्यक्रम का संचालन कर रहे महासमुंद के कवि शायर छंदकार श्लेष चंद्राकर ने गणतंत्र दिवस पर दोहे पढ़े और एक शानदार ग़ज़ल दिलों से दूरियाँ हमको मिटाने की ज़रूरत है के साथ अपनी प्रस्तुति दिया। कार्यक्रम अपने नियत समय पर शुरू होकर बहुत ही कम समय में अपनी गरिमा को बनाए रखते हुए ऊँचाई को प्राप्त करते हुए संपन्न हुआ।

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