कांपादाह और सिल्हाटी में आकार ले रहा है ग्रामीण औद्योगिक पार्क
“दीपक ठाकुर की रिपोर्ट”
कवर्धा। युवाओं और महिला स्वसहायता समूहों को रोजगार के नए अवसर देने के लिए पंडरिया विकासखण्ड के कांपादाह और बोडला विकासखण्ड के सिल्हाटी में राज्य शासन की सर्व प्राथमिकता में शामिल महात्मागांधी ग्रामीण औद्यौगिक पार्क की स्थापना की जा रही है। इन दोनों औद्योगिक पार्क में चार-चार अलग-अलग क्षेत्रों में रोजगार और आय सृजन करने वाले स्थानीय बाजार के अनुरूप यूनिट स्थापित किया जाएगा। कलेक्टर ने आज इन दोनों ग्रामीण औद्योगिक पार्क के प्रगतिरत कार्यों का अवलोकन किया। साथ में जिला पंचायत सीईओ शसंदीप अग्रवाल विशेष रूप से उपस्थित थे। सिल्हाटी और कांपादाह के निर्माणाधिन ग्रामीण औद्योगिक पार्क के कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कांपादाह के औद्योगिक पार्क स्थल को अतिक्रमण से मुक्त कराने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने सभी चयनित समूहों को उनके कार्य के आधार पर प्रशिक्षण सहित आवश्यक सभी जानकारियां देने के लिए जिला पंचायत सीईओ को निर्देशित किया है। निरीक्षण के दौरान बताया कि कांपादाह मेंचार औद्योगिक यूनिट का चयन किया गया है। जिसमें सुगर कैन जूस, दोना पत्तल, जूट बोरी निर्माण और एनिमल फूट शामिल है। इसी प्रकार बोडला के सिल्हाटी में गोबर तैयार होने वाली पेंट, बेकरी, दोना पत्तल और फ्रेब्रिकेशन है। इन सभी यूनिट के लिए स्थनीय स्तर पर महिला समूह का चयन किया गया है। ग्रामीण औद्योगिक पार्क में स्थानीय स्तर पर और यूनिट स्थापित करने की मांग लगातार आ रही है। हालांकि राज्य शासन द्वारा वर्तमान में चार यूनिट अनुमति दी गई है। हालांकि ग्रामीणों के प्रस्ताव और मांग के गंभीरता से संज्ञान में लेने के लिए भरोसा दिलाया गया है। अवलोकन के दौरान संबधित जनपद सीईओ, सब इंजीनियर और संबधित अधिकारी उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गांधी जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री निवास में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से छत्तीसगढ़ शासन की महत्वकांक्षी योजना’महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क योजना’ के शुभारंभ किया था। है। छत्तीसगढ़ के प्रत्येक विकासखण्ड में दो रूरल इंडस्ट्रियल पार्क बनेंगे। चालू वित्तीय वर्ष के बजट में महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रीयल पार्क के लिए 600 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। प्रदेश में गौठनों को रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित किया जा रहा है। प्रथम चरण में 300 रूरल इंडस्ट्रियल पार्क विकसित किए जा रहे हैं। गौठनों में वर्मी कम्पोस्ट, मुर्गी पालन, बकरी पालन, कृषि उत्पादों और वनोपजों के प्रसंस्करण के कार्य किया जा रहे हैं। इन गतिविधियों में बड़ी संख्या में स्वसहायता समूह की महिलाओं और युवाओं को रोजगार और आय के अवसर मिल रहे हैं। प्रथम चरण में प्रत्येक विकासखण्ड में 2 रीपा स्थापित किए जा रहे है।