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नवा छत्तीसगढ़ के 36 माह: मनरेगा की डबरी बनी विष्णु की आय बढ़ाने का जरिया

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कोरबा। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत् बनायी गई डबरी किसान विष्णु की आय बढ़ाने का जरिया बन गई है। डबरी बन जाने से विष्णु का खेत अब एक फसली से दुफसली हो गया है। उसने अपने खेत में धान की फसल के बाद तीन माह में सब्जी उत्पादन कर 20 हजार रूपये से अधिक का लाभ कमाया लिया है। जनपद पंचायत पाली के ग्राम पंचायत धौराभाटा में रहने वाले किसान विष्णु के पास एक एकड खेती जमीन है जिसमें सिंचाई व्यवस्था नहीं होने पर उसे खेती के लिये बारिश पर ही निर्भर रहना पडता था। वह चाहकर भी खेती से अपने परिवार के जीवन-यापन लायक आय नहीं कमा पा रहा था। एक दिन विष्णु को मनरेगा के तकनीकी सहायक ने बताया कि उसके खेत में मनरेगा योजना से काम कराकर डबरी बनायी जा सकती है। तकनीकी सहायक ने यह भी बताया कि इस डबरी को बनाने में गांव के लोगों को गांव में ही रोजगार भी मिलेगा। तकनीकी सहायक की सलाह विष्णु के लिए आशा की नई किरण साबित हुई। उसने तत्काल ही खेत डबरी बनवाने का प्रस्ताव ग्राम सभा में दिया। प्रस्ताव के अनुमोदन एवं स्वीकृती के बाद खेत डबरी बनाना शुरू किया गया। डबरी निर्माण में विष्णु के परिवार सहित गांव के ही मेलु, पुरूशोत्तम, सुमत, शिवनंदन, गोपाल आदि 61 मजदूरों ने काम किया। लगभग एक महीने में विष्णु के खेत में डबरी बनकर तैयार हो गई । डबरी बन जाने से उसके खेत को सिंचाई का पानी मिलने लगा। उसके बाद विष्णु ने खेत में धान की फसल लगाई। इस खेत में सिंचाई से पहले पहले 25 क्विंटल धान उत्पादन होता था। परंतु अब डबरी से सिंचाई सुविधा मिलने के बाद इस बार विष्णु ने इसी खेत से 35 क्विंटल धान लिया है। धान की फसल के बाद विष्णु ने टमाटर, बैगन, भिण्डी, गोभी सब्जी उगाई। जिसे बेचकर उसने 20 हजार रूपये से अधिक का लाभ कमाया है। किसान विष्णु का कहना है कि मनरेगा योजना से बनाई गई डबरी ने उसके जीवन में सकारात्मक बदलाव ला दिया है। पहले वह केवल धान की फसल ले पाता था लेकिन अब डबरी के बन जाने से, सिंचाई व्यवस्था हो जाने से दो सीजन में सब्जी का उत्पादन भी कर रहा है। उसने बाडी में मक्का, खीरा, ककडी, करेला, लौकी आदि लगाया था, जिसे बेचकर 20 से 25 हजार रूपये का मुनाफा हुआ है। इसके साथ ही डबरी निर्माण में ग्रामीणों को रोजगार भी मिला जिससे वह खुश है।

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