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Chhattisgarh

विभिन्न प्रान्तों की परंपराओं,संस्कृति, वेशभूषा व बोली को एकसूत्र में बांधने वाली डोर है मातृभाषा हिंदी-विजय मोटवानी

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“वैभव चौधरी की रिपोर्ट”

धमतरी। अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर नगर निगम द्वारा संचालित स्वर्गीय बाबू छोटेलाल श्रीवास्तव पुस्तकालय के 26 अप्रैल 1984 से अनवरत 37 वर्षों तक प्रभारी के रूप में हजारों हिंदी के पुस्तकों एवं साहित्य को सहेज कर संग्रहित करते हुए आगामी पीढ़ी को सौंपने वाले हफीजुल बारी जोकि लाइब्रेरी साइंस में डिप्लोमा है का सम्मान नगर निगम के भाजपाई पार्षदों द्वारा नेता प्रतिपक्ष नरेंद्र रोहरा की अगुवाई में करते हुए उनक मातृभाषा हिंदी की समर्पित सेवा के लिए आभार व्यक्त किया गया गौरतलब है कि सेवानिवृत्ति के पश्चात भी हफीजुल बारी द्वारा आज भी निशुल्क सेवा दी जा रही है, इस अवसर पर निगम के पूर्व सभापति राजेंद्र शर्मा ने कहा कि विश्व पटल पर भारत की पहचान हमारी मातृभाषा हिंदी है जो हमारे धर्म ग्रंथ गीता ,रामायण व पुराण की तरह शास्वत एवं देश को आपस में जोड़ने का प्रतीक है वहीं भारतीय जनता युवा मोर्चा की जिला अध्यक्ष एवं पार्षद विजय मोटवानी ने कहा कि देश के विभिन्न प्रांतों में अलग-अलग वेशभूषा परंपरा, संस्कृति व बोली होने के बाद भी पूरे भारत को एक सूत्र में बांधने वाली डोर है मातृभाषा हिंदी उक्त अवसर पर राजेंद्र शर्मा, धनीराम सोनकर, विजय मोटवानी ,दीपक गजेंद्र, श्यामलाल नेताम  ,अज्जू  देशलहरे, मिथिलेश सिन्हा ,ईश्वर सोनकर , हेमंत बंजारे ,प्राची सोनी ,सरिता आसाई श्यामा साहू ,सुशीला तिवारी ,रश्मि दिवेदी ,नीलू डागा, ,रितेश नेताम,प्रकाश सिन्हा, शामिल हैं।

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