आजादी के अमृत महोत्सव पर हुआ जिला हिन्दी साहित्य समिति की काव्य गोष्ठी
”वैभव चौधरी की रिपोर्ट”
धमतरी। जिला हिन्दी साहित्य समिति द्वारा भारत की आजादी का अमृत महोत्सव पर केन्द्रित काव्य गोष्ठी का आयोजन सार्थक स्कूल (म्युनिस्पल स्कूल के पीछे) धमतरी में समिति के अध्यक्ष डुमन लाल ध्रुव की अध्यक्षता में संपन्न हुई। इस अवसर पर धमतरी जिला के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जिन्होंने भारत छोड़ो आन्दोलन, नहर सत्याग्रह, जंगल सत्याग्रह, झण्डा सत्याग्रह में योगदान देने वाले शहीदों को याद किया गया। तत्पश्चात् काव्य गोष्ठी में उपस्थित कवियों ने अपनी प्रतिनिधि रचनाओं का पाठ किया। वैशाली सिंह राजपूत ने कविता की भाव व्यंजना को प्रस्तुत करते हुए कहा शब्दों को जो अर्थ दे वो होती है कविता, लेखनी को पहचान दे वो होती है कविता। प्रतिमा दीवान ने आत्मा के सौंदर्य का शब्द रूप है काव्य, मानव होना भाग्य है, कवि होना सौभाग्य है। मेरे पुण्य कर्म थे शायद मुझको ये दान मिला कहीं कहने को कविता मिली मुझे तो रहने को हिन्दुस्तान मिला। कुमारी माधुरी मारकंडे ने ईश्वर की अनगढ़ रचना पर काव्य पाठ किया। आंखों से अंधा, पैरो से लंगड़ा हूं मैं ईश्वर की अनगढ़ रचना हूं। पुष्पलता इंगोले ने कोरोना पर केन्द्रित रचनाओं का पाठ किया। दुनिया से जाने वाले धन्यवाद देती हूं मैं डॉक्टर और नर्स को जो दे रहे कोरोना वायरस को मात। धन्यवाद उन सेवा दल को जो सेवा कर रहे दिन रात भारत देश महान। इसी तरह ए.आर. इंगोले ने कहा इस दुनिया में कोई किसी का हमदर्द नहीं होता शमशान में पहुंच कर अपने ही लोग पूछते हैं और कितना वक्त लगेगा। डॉ. राकेश सोनी ने अंधेरों से कभी तुम कहना आये न हमें डराने को हमने भी है आज ठाना मुश्किलों को हराने को। समिति के सचिव डॉ.भूपेन्द्र सोनी ने चढ़े रंग तिरंगा पर काव्य पाठ किया-केसरिया तरंग चढ़ा यौवन विवेकानंद, खुदी, दयानंद रंग ढंग बन जाता है।इस अवसर पर विनोद रणसिंह, मुकेश जैन ने आजादी के अमृत महोत्सव को यादगार बताते हुए रोचक संस्मरण सुनाए।