पुलिस-नक्सली मुठभेड़ के पश्चात् नक्सलियों के डेरे से 3 नाबालिग बच्चे मिले

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“नरेश भीमगज की रिपोर्ट”

कांकेर। 12 फरवरी को डीआरजी, जिला बल एवं बीएसएफ की संयुक्त पार्टी के साथ आलदंड के जंगल में पुलिस-नक्सली मुठभेड़ के पश्चात् घटनास्थल की सर्चिंग करने पर मुठभेड़ स्थल पर कुछ लोग पुलिस को देख छिपते दिखे। जिनसे पूछताछ करने पर ग्राम आलदंड, बिनागुण्डा, वट्टेकाल, पुस्तेर के आसपास का होना बताये। पूछताछ के दौरान 2 बालक एवं 1 बालिका मिले जिनसे विस्तार से पूछताछ करने पर बताया गया कि प्रतिबंधित माओवादी रूपी नरेटी, विजय रेड्डी, बलदेव, सुकलाल, शंकर राव, चंदर, राजू सलाम, लोकेश सलाम आदि व इनके अन्य नक्सली साथियों द्वारा उन्हें डरा धमका कर दबाव पूर्वक संगठन में काम करने जैसे सामान ढोने व खाना बनाने एवं अन्य कार्य करने हेतु बुलाया गया था। पूर्व में भी नक्सलियों द्वारा ग्रामीणजन, बालक, बालिकाओं एवं उनके परिजनों को डरा धमका कर प्रतिबंधित कार्यों में संलिप्त होने हेतु दबाव बनाया जाता रहा है। तीनों को पुलिस बल द्वारा मुठभेड़ स्थल से सुरक्षित निकालकर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पखांजूर में चिकित्सीय परीक्षण उपरांत नाबालिग बच्चों को किशोर न्याय अधिनियम के उपबंधानुसार जिला बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया तथा शेष ग्रामीणों को उनके परिजनों को तलब कर उनके सुपूर्द किया गया। प्रकरण में प्रतिबंधित भाकपा माओवादी उग्रवादी संगठन द्वारा नाबालिग बच्चों को अपने विधि विरूद्ध क्रिया कलापों में संलिप्त करना पाये जाने पर पुलिस थाना छोटेबेठिया में अपराध क्रमांक 04/2023 धारा 307, 147, 148, 149 भादवि. 3, 5 वि.प.अधि. 25, 27 आर्म्स एक्ट, 10, 38(2), 39(2) वि.वि.क्रि.क.अधि. किशोर न्याय अधिनियम 2015 की धारा 83 के अधीन अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना की जा रही है।इस संबंध में पुलिस अधीक्षक कांकेर सलभ सिन्हा द्वारा यह बताया गया कि 12 फरवरी को कांकेर के आलदंड के जंगल में हुये पुलिस-नक्सली मुठभेड़ के पश्चात् नक्सलियों के डेरा से बरामद किये गये 2 बालक एवं 1 बालिका को जिला बाल कल्याण समिति के परामर्श के आधार पर उनकी इच्छानुसार पढ़ाई-लिखाई एवं अन्य पुनर्वास संबंधित सहायता शीघ्र उपलब्ध करायी जायेगी।

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