सहायक विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी हेमंत साहू के विरूध्द वेतन निर्धारण के लिए दो लाख रूपये रिश्वत लेने का आरोप

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राजिम। समीपस्थ ग्राम भसेरा के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में कार्यरत नवनियुक्त व्याख्याता भोला माण्डे ने एक लिखित शिकायत की है कि विभाग से अनुमति लेकर व्याख्याता चयन परीक्षा में सम्मिलित हुआ था, परीक्षा में सफल होने के बाद मेरी नियुक्ति शिक्षक एलबी से व्याख्याता पद पर शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला भसेरा में नियुक्ति हुई। उक्त शाला के शिक्षकों का वेतन विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी फिंगेश्वर निकालते हैं। जिसमें सहायक विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी हेमंत साहू, जिला शिक्षा अधिकारी गरियाबंद के आदेशानुसार प्रभारी विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी का दायित्व निभा रहे थे। इसलिए अपने वेतन निर्धारण के लिए उनसे मिला तो वेतन निर्धारण हेतु दो लाख रूपये रिश्वत की मांग की। जिसके तहत मैं शिक्षक एलबी गोपाल कंसारी के समक्ष दो लाख रूपये नगद दिया। उसके बाद भी उक्त अधिकारी व्दारा मेरा वेतन निर्धारण नहीं किया गया एवं दस हजार रूपये की और मांग की गई। मेरे व्दारा राशि नहीं दिए जाने पर मेरा वेतन निर्धारण नहीं किया गया। जिससे मैं मानसिक एवं आर्थिक रूप से परेशान था इसलिए जिलाधीश, पुलिस अधीक्षक, जिला शिक्षा अधिकारी गरियाबंद, थाना प्रभारी फिंगेश्वर एवं विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी फिंगेश्वर को उक्त दो लाख राशि को वापस दिलाने शिकायत पत्र एवं मेरा वेतन निर्धारण नियमानुसार कराने हेतु आवेदन 16 अगस्त 2021 को दिया हूं। किन्तु आजपर्यंत इस संबंध में कोई कार्यवाही नहीं की गई। सचिव स्कूल शिक्षा विभाग व्दारा नवनियुक्त विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी चन्द्रशेखर मिश्रा से जब मैं इस संबंध में मिला तो उन्होंने प्रकरण का अवलोकन करने एवं उच्च कार्यालय से मार्गदर्शन लेने के बाद वेतन निर्धारण का आश्वासन दिया है। इसी प्रकार से उक्त सहायक विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी के प्रभार में रहते हुए अनेक वित्तीय अनियमितता किए जाने का आरोप लगाया है। जिसकी बारीकी से जांच की जावे और भी अनेक तथ्य उजागर होंगे।
इस संबंध में जब जिला शिक्षा अधिकारी करमन खटकर से उनके मोबाईल नंबर 6267917737, 9425526607 पर समाचार भेजने के दौरान शाम 7 बजे संपर्क करने का प्रयास किया मगर मोबाईल पर घण्टी जाने के बाद भी उन्होंने मोबाईल नहीं उठाया। इस संबंध विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी चन्द्रशेखर मिश्रा से जानकारी ली गई तो उन्होंने कहा कि शिकायत पत्र तो आया है। इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को दे दी गई है।

”संतोष सोनकर की रिपोर्ट”

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