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गुंजेश्वरी सोनकर उकेरा द्वार पर आकर्षक रंगोली

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“संतोष सोनकर की रिपोर्ट”

राजिम। शहर से लगा हुआ गांव चौबेबांधा के गुंजेश्वरी सोनकर ने अपने घर के द्वार पर गौ माता को प्रदर्शित करते हुए शानदार रंगोली उकेरा। उन्होंने पहले तो द्वार को साफ किया उसके बाद रंगोली के विभिन्न रंगों को लेकर आकार देना शुरू किया और देखते ही देखते उन्होंने गौ माता तथा लाड प्यार करती हुई बछड़े को प्रदर्शित किया गया। मां बेटे के इस प्यार ने कई प्रकार के संदेश दे रहे थे इन्हें देखकर लोग तरह-तरह की चर्चाएं कर रहे थे किसी के मन में कुछ था तो किसी के मन में और कुछ। कोई कह रहे थे कि गोवर्धन पूजा के अवसर पर यह रंगोली सोची हुई गो भक्ति है। भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को उठाकर गोधन समेत पुरवासियों की रक्षा की थी तब से लेकर गोवर्धन पूजा की परंपरा बनी है। पंच पर्व दीपावली में गोवर्धन पूजा का पर्व आता है जिसमें गाय बछड़े सभी को खिचड़ी खिलाया जाता है। इनकी पूजा अर्चना की जाती है तथा श्रद्धा सुमन समर्पित किया जाता है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ की चार चिन्हारी में गोधन को विशेष वरीयता दी गई है। वैसे भी प्राचीन काल से गोवर्धन की अपनी अलग विशेषता रही है। कक्षा दसवीं की छात्रा गुंजेश्वरी सोनकर ने इसी को अपने रंगोली के माध्यम से उकेरा है। चर्चा के दौरान उन्होंने बताया कि गाय के गोबर, मूत्र मनुष्यों के लिए अत्यंत लाभदायक है। गो पालन वातावरण को शुद्ध करता है। प्रदेश सरकार गोमूत्र एवं गोबर को खुद खरीद रही है इससे अच्छी खासी इनकम जनरेट किया जा रहा है। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि वर्तमान में गायों की संख्या गांव में कम हो रही है इसे बढ़ाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। बता देना जरूरी है कि गूंजेश्वरी प्रत्येक रोज अलग-अलग रंगोलियां अपने द्वार के सामने बना रही है। प्रत्येक रंगोली मोटिवेशन गुण से भरे हुए हैं। इनकी रंगोली को देखकर देर शाम तक आने जाने वाले राहगीर अपने मोबाइल पर फोटो खींचकर लोड करते रहे। इस आकर्षक रंगोली के लिए इनकी खूब सराहना हुई।

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