रायपुर नगर निगम क्षेत्र में किसी कब्जाधारी को पट्टा नही दिया बृजमोहन अग्रवाल ने उठाया नगरीय निकाय क्षेत्र में पट्टा वितरण का मामला
रायपुर। वरिष्ठ भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने विधानसभा में आज नगरीय निकाय क्षेत्र में पट्टा वितरण का मुद्दा उठाया व पूछा कि नगरी निकाय एरिया में पट्टा वितरण का क्या हुआ? कितने लोगों को पट्टा मिला? रायपुर नगर निगम क्षेत्र में कितने लोगों को सवा 4 साल में पट्टा मिला है? जिसके जवाब में मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने बताया कि 10 हजार हितग्राहियों को पट्टा देना शेष है।राजधानी रायपुर नगर निगम क्षेत्र के किसी वार्ड में पात्र हितग्राहियों का चिन्हांकन कार्यवाही अभी तक नही हुआ है। पट्टा वितरण के लिए हितग्राहियों के लिए चयन प्रक्रियाधीन है।बृजमोहन अग्रवाल ने पूछा कि जन घोषणा पत्र में शहरी कब्जाधारियों को पट्टा वितरण, राजीव आश्रम योजना के तहत करने की घोषणा की गई थी। वर्ष 2019 से 23 फरवरी 2023 तक प्रदेश भर में कितना पट्टा वितरण किया गया है। उन्होंने यह भी पूछा कि क्या योजना के लिए सर्वे हुआ है? यदि सर्वे हुआ है तो क्या सर्वे का कार्य पूरा हो गया है? यदि नहीं तो कब तक यह कार्य पूरा कर लिया जाएगा? साथ ही योजना के लिए अधिकारियों को पट्टा देने के क्या-क्या नियम व मापदंड है प्रदेश में कितने पात्र हितग्राही हैं? इसकी उन्होंने नगरीय निकायवार जानकारी मांगी। इसके अलावा उन्होंने रायपुर नगर निगम में वार्डवार पात्र हितग्राहियों की संख्या पूछी तथा पट्टे के लिए कोई शुल्क का निर्धारण किया गया है तो निकायवार बताया जाए।जवाब में राजस्व मंत्री ने बताया कि पूछी गई तिथि तक प्रदेश के जिलों में 21,042 पट्टे का वितरण किया जा चुका है।सारंगढ़-बिलाईगढ़ और बलरामपुर- रामानुजगंज मे एक भी हितग्राही को पट्टा वितरित नहीं हुआ है।उन्होंने बताया कि इस हेतु सर्वे का काम बिलासपुर और जशपुर मे प्रक्रियाधीन है। बाकी जगहों पर पूर्ण हो चुका है।राजस्व मंत्री ने बताया कि नगरीय निकाय क्षेत्रों के भूमिहीन व्यक्ति (पट्टाधृत अधिकारों का प्रदान किया जाना) नियम 2019 छत्तीसगढ़ राजपत्र दिनांक 26 नवंबर 2019 तथा दिनांक 30 नवंबर 2019 में हितग्राहियों को पट्टा देने का प्रावधान है।आज की तारीख में 30,097 हितग्राही प्रदेश भर में हैं। उन्होंने बताया कि नगर पंचायत क्षेत्र में पट्टा के लिए शुल्क ₹5 प्रति वर्ग फुट है। वही नगर पालिका वह नगर निगम क्षेत्र में ₹10 तथा राजधानी रायपुर निगम क्षेत्र के लिए ₹15 प्रति वर्ग फुट शुल्क निर्धारित किया गया है।श्री अग्रवाल ने कहा है कि भूपेश बघेल सरकार छत्तीसगढ़ के नगरीय निकाय क्षेत्र में बस्तियों में रहने वाले कब्जाधारी लोगों के साथ अन्याय कर रही है। लोगों को पट्टा देने का झांसा देकर उनसे वोट तो ले लिया पर जब पट्टा देने की बारी आई तो सर्वेक्षण व प्रक्रिया के नाम पर उन्होंने जनता को उलझाया जा रहा है। सवा चार साल में पट्टा नहीं दे पाया है। वहीं अनेक नगरीय निकाय क्षेत्रों में पट्टे के नाम से लोगों से पैसे वसूला जा रहा हैश्री अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश सरकार की नियत शुरू से ही लोगों को पट्टा देने की नहीं रही है। अकेले रायपुर में हजारों-हजार पट्टाधारी है, जिन्हे सरकार पट्टा देने से बच रही है। पट्टा देने के नाम पर कोई ना कोई है बहाना रोज बना रही है।