देवकीनंदन ठाकुर महाराज व अनिरुद्धाचार्य महाराज के सानिध्य में अंबिकापुर में श्रीमद् भागवत कथा के आयोजन में शामिल हुए कैबिनेट मंत्री अमरजीत भगत
अम्बिकापुर। श्री देवकीनंदन ठाकुर महाराज के सानिध्य में अंबिकापुर, में मुंढालिया गर्ग परिवार द्वारा श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन कराया जा रहा है।वही श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज के सानिध्य में बंसल परिवार के द्वारा भागवत कथा का आयोजन हुआ कराया जा रहा है। श्रीमद् भागवत कथा के प्रथम दिवस की शुरुआत दीप प्रज्वलन एवम् विश्व शांति प्रार्थना के साथ की गई। जिसके बाद पूज्य महाराज ने पधारे सभी प्रभू प्रेमियों को – “श्री श्याम तुम्हारे चरणों में इक बार ठिकाना मिल जाए” भजन श्रवण कराया।कथा के प्रथम दिवस पर रविवार को छत्तीसगढ़ शासन के खाद्य और संस्कृति मंत्री श्री भगत पहुँचे, और उन्होनें व्यासपीठ से आशिर्वाद प्राप्त कर कथा श्रवण किया। वही सोमवार को श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज के सानिध्य में हो रहे भागवत कथा में सम्मिलित होकर महाराज जी का आशीर्वाद लेकर कथा श्रवण किया।अगले माह की 10 तारीख से पितृ पक्ष लगने जा रहा है जिसके हेतु पूज्य महाराज श्री ने भक्तों से कहा- यह बड़ा उत्तम समय है कि हम अपने पित्रों को मना लें क्युंकि जब हमारे पितृ रूठ जाते हैं, तो हमें किसी भी कार्य में सफलता नहीं मिलती है, घर में आशांति का वास होगा, क्लेश बढ़ जाएगा, भाई-भाई में लड़ाई होगी, पति पत्नी में लड़ाई होगी। पूज्य महाराज श्री ने आगे कहा कि – पितृ रुष्ठ होने पर 2 बड़ी समस्या होती हैं पहली- बच्चों की शादियां नहीं होती या होंगी भी तो लेट होंगी, दूसरी- वंश आगे नहीं बढ़ता। यह सभी पहचान है जिससे आप जान सकते हैं कि आप पितृ आपसे रुष्ठ हैं।पूज्य महाराज श्री ने भक्तगणों के सवाल- कि अपने पितृ को कैसे मनाएं का जवाब दिया और कहा- जिस समय आपके मन में यह संकल्प हुआ कि हम श्रीमद् भागवत कथा सुनने जाएंगे उस ही क्षण आपके पितृ, पितृलोक में नृत्य करने लगे और उनके नृत्य करने का कारण ये है कि हम बहुत भाग्यशाली है कि हमारे वंशज जो भागवत कथा सुनने जाएंगे तो उनके किए सदकर्म से हमारा भी कल्याण हो जाएगा इसलिए हम अपने वंशजों से प्रसन्न हैं।कैबिनेट मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि : अंबिकापुर में पूज्य महाराज श्री के सानिध्य में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया गया है, इस मौके पर कथा के प्रथम पहुँचकर उनके कथा वाचन का श्रवण लाभ लिया एवं उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया, एवं बंसल परिवार द्वारा आयोजित श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज के सानिध्य में हो रहे भागवत कथा का भी श्रवण वाचन किया। ऐसे आध्यात्मिक आयोजनों से मन की शुद्धि होती है, और जीवन जीने की जो सरल कला है मनुष्य उनका अनुसरण करता है।