छत्तीसगढ़ स्वाभिमान संस्थान ने किया राजिम के साहित्यकारों का सम्मान,गदगद हुए बुजुर्ग साहित्यकार
राजिम । शहर के पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में छत्तीसगढ़ स्वाभिमान संस्थान की टीम ने आकर वरिष्ठ साहित्यकारों को काशीपुरी कुंदन के आव्हान पर लाने के पश्चात समस्त साहित्यकार को एक मंच में लाए और संस्थान के अध्यक्ष डॉ उदयभान सिंह चौहान के निर्देशानुसार प्रांतीय संयोजक रामेश्वर शर्मा एवं प्रांतीय उपाध्यक्ष डॉ. इंद्रदेव यदु द्वारा बिना तामझाम के एक सादा समारोह में इन्हें प्रशस्ति पत्र भेंट कर सम्मानित किए। रामेश्वर शर्मा ने बताया कि संस्थान पूरे छत्तीसगढ़ में वरिष्ठ एवं बुजुर्ग साहित्यकारों की खोज कर उनके ही घर, शहर एवं गांव में जाकर उन्हें सम्मानित कर रहे हैं। इसी कड़ी में राजिम एवं आसपास के साहित्यकार सम्मानित हुए। वरिष्ठ हास्य कवि काशीपुरी कुंदन ने बताया कि सम्मान हमेशा कर्म को ईमानदारी पूर्वक करने की ओर प्रेरित करती है। किसी कवि एवं साहित्यकार जब लेखन में रुचि लेता है और उन्हें मूर्त रूप देता है उनके बाद उनकी रचनाओं की सही ढंग से समीक्षा हो जाए तो वह गंगा नहाने के समान पवित्रता को प्राप्त करते हैं। यह सम्मान हमें एक अच्छे साहित्य को समाज के बीच लाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। त्रिवेणी संगम साहित्य समिति के अध्यक्ष मकसूदन साहू ने बताया कि छत्तीसगढ़ स्वाभिमान संस्थान का यह अभिनव पहल सचमुच में कवि एवं साहित्यकारों के सम्मान के जरिए उम्र बढ़ाने का काम कर रही है, जीने की लालसा तथा एक अच्छे साहित्य समाज में देने के लिए उन्मुख कर रही है इनके लिए वह निश्चित रूप से धन्यवाद के पात्र है। छत्तीसगढ़ी साहित्य समिति के तहसील अध्यक्ष अशोक शर्मा ने अपने संचालन में कहा कि यह सम्मानित सभी विद्वान साहित्यकार अपने जीवन में संघर्ष करते हुए निरंतर कलम की ताकत एवं लेखनी से भारतीय संस्कृति व छत्तीसगढ़ की परंपरा को जनमानस तक पहुंचाने और सहेजने में विशेष भूमिका निभाया है। प्रयाग साहित्य समिति के संरक्षक नूतन साहू, गणेश गुप्ता, प्रहलाद गंधर्व, जालम सिंह साहू, एन.के. साहू, शरद शर्मा, सुधा शर्मा, केंवरा यदु, रमा भोंसले, त्रिवेणी नाग, गजेंद्र सिन्हा, मोहनलाल मानिकपन, पवन कुमार यदु सम्मानित होकर अत्यंत प्रसन्न हुए।
“संतोष कुमार सोनकर की रिपोर्ट”