धर्मांतरण का मुद्दा केवल राजनीतिक षडयंत्र ,बृंदा करात
”नरेश भीमगज की रिपोर्ट”
कांकेर। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की पोलित ब्यूरो की सदस्य व पूर्व राज्यसभा सांसद बृंदा करात इन दिनों बस्तर के कांकेर, कोंडागांव एवं नारायणपुर दौरे पर रहीं जहाँ उन्होंने अपने संगठन के लोगों से स्थानीय व ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा की साथ ही इन दिनों जो धर्मांतरण को लेकर बस्तर सहित कुछ जिलों में चल रहे बवाल पर कुछ पीड़ित आदिवासी परिवार से भी मिले जिनपर धर्मांतरण का आरोप लगाते हुए उनके साथ मारपीट करते हुए उनके घरों में तोड़फोड़ कर खेत खलिहान के फसल व पशुओं को भी तहस नहस कर उन्हें खुद के घर व गांव से बेघर किया गया था हालांकि अभी अधिक्तर ग्रामीणों की गांव में वापसी होने की पुष्टि जिला प्रशासन ने की है।
आज कांकेर में बृंदा करात व उनकी टीम के लोगों ने कोंडागांव, नारायणपुर, कांकेर व अन्य कुछ गांव के प्रभावित ग्रामीणों से मुलाकात करने के पश्चात कांकेर रेस्ट हॉउस में पत्रकारवार्ता आयोजित कर पूरे घटना की वस्तुस्थिति को पत्रकारों के बीच रखते हुए इस पूरे मुद्दे को भाजपा का चुनावी मुद्दा बताया साथ ही उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि इस साल के 2023 के अंतिम में विधानसभा चुनाव होने को है जिस पर भाजपा आदिवासियों को आदिवासियों से लड़ाने की राजनीति कर रही है। और कुछ हद तक भाजपा सफल भी हो गई भाजपा पर सीधा निशाना साधते हुए उन्होंने कहा जिन जिन गांवों में इस तरह की घटना हुई है वहाँ कहीं न कहीं भाजपा के कुछ नेताओं का हाथ है जिनके खिलाफ थाने सहित एसपी कलेक्टर को नामजद शिकायत की गई हैं। जिनमें कुछ पर कार्यवाही हुई वहीं कुछ पुलिस के पकड़ से बाहर है।
जल जंगल की लड़ाई से भ्रमित कर उन्हें असल मुद्दों से भटकाने की हो रही साजिश
इस पूरे मामले में कम्युनिस्ट नेत्री बृंदा करात ने कहा कि ये वही आदिवासी है जो एक गांव में साथ उठना बैठना व कई मुद्दों पर एक साथ कंधे से कंधे मिला कर खड़े होने वाले जिनको एक दूसरे के खिलाफ भड़का कर इनकी एकता को खण्ड खण्ड करने की साजिश भाजपा के कुछ नेताओं द्वारा की जा रही है। जिसके साजिश को हमें समझने की जरूरत है और यदि समय रहते ऐसे लोगों पर उचित कार्यवाही नहीं होती है तो ये आगे चलकर हमारे आदिवासी भाई बहनों के लिए एक बड़ी समस्या बनकर सामने आ सकती है।
सरकार की तरफ से न मंत्री न नेता ने पीड़ितों की सुधि ली
इतनी बड़ी घटना होने के बावजूद किसी भी पार्टी के नेता व मंत्री इस पूरे मामले को लेकर पीड़ितों से न ही मुलाकात की और न ही उनकी व्यथा सुनने ग्रामीणों के बीच पहुँचे एक ओर कांग्रेस भारत जोड़ो अभियान चला रही वहीं दूसरी ओर एक ही समाज के लोगों के बीच नफरत की बीज बोने वालों को खुली छूट देना समझ से परे है।
एक भी जबर्दस्ती धर्मांतरण के मामले नहीं है दर्ज
पूरे देश व प्रदेश में धर्मातरण को लेकर जो आग लगाई व फैलाई जा रही उस पर बृंदा करात ने कहा कि मैं पिछले तीन दिनों से बस्तर के ऐसे प्रभावित क्षेत्रों के दौरे में थी जहाँ इन घटनाओं में पीड़ित परिवारों से मिलने के बाद जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन के बीच जाकर धर्मांतरण जैसी बातों पर चर्चा हुई कि यदि इस क्षेत्र में धर्मांतरण हुए है तो उसकी कोई लिखित शिकायत या फिर किसी से जबर्दस्ती धर्मांतरण के कोई एक भी मामले थाने में है तो इस पर न तो पुलिस के पास न ही जिला प्रशासन के पास कोई धर्मांतरण के मामले आयें है। जिससे यह साफ होता है कि यहाँ धर्मांतरण कोई मसला नहीं है यह पूरा पूरा राजनीतिक षडयंत्र है जिसे लोगों को समझने की जरूरत है।
आज के इस प्रेसवार्ता में
धर्मराज महापात्र(कार्यवाहक सचिव माकपा छत्तीसगढ़)
बालसिंह(राज्य सचिव, आदिवासी एकता महासभा), नजीब कुरैशी, माकपा संगठन समिति, कांकेर मौजूद रहे।