अबूझमाड़ में स्थित तुलार गुफा के सबसे दुर्गम शिव मंदिर में लगी श्रद्धालुओं की भीड़
जगदलपुूर। बस्तर में सालों पुरानी कई ऐतिहासिक गुफाएं हैं। इनमें से एक तीन जिलों की सरहद पर अबूझमाड़ में स्थित तुलार गुफा भी है। जिसे तुलार धाम कहा जाता है। यहां भगवान भोलेनाथ का वर्षों पुराना शिवलिंग स्थापित है। इसकी खास बात यह है कि 12 महीने चट्टानों से पानी रिसकर शिवलिंग पर गिरता है। लोगों का मानना है कि प्रकृति भगवान भोलेनाथ का 365 दिन जलाभिषेक करती है। साल में केवल एक बार महाशिवरात्रि के मौके पर ही भक्त भोलेनाथ के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। लेकिन यहां तक पहुंचना आसान नहीं है। पहली चुनौती नक्सल दशहत और दूसरी कई छोटी-बड़ी नदियों को पार करना पड़ता है। पथरीले पगडंडी भरे रास्तों को पार कर ही गुफा तक पहुंचा जाता है। महाशिवरात्रि के मौके पर भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं का हुजूम गुफा में उमड़ पड़ा। आस-पास के गांव के सैकड़ों ग्रामीण तुलार गुफा पहुंचे, जिन्होंने शिवलिंग में जलाभिषेक किया। भोलेनाथ का दर्शन कर आशीर्वाद लिया। ग्रामीणों ने पारंपरिक वेशभूषा धारण कर ढोल बजा भजन-कीर्तन भी किया।