दही हांडी आयोजकों से सीएम ठाकरे की अपील, कहा— स्वास्थ्य को ज्यादा प्राथमिकता दें

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कान्हा के रंग में रंगी आर्थिक राजधानी मुबंई, दही हांडी उत्सव में रमे  'गोविंदा' - dahi-handi-competition-started-in-mumbai

मुंबई/रायपुर। देश के कई राज्यों में अनलॉक की शुरुआत होने के बाद ​दोबारा कोरोना न बढ़े इस ​लिए महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने दही हांडी आयोजको से अपील की है कि वे स्वास्थ्य को ज्यादा प्राथमिकता दें।
दरअसल सीएम ठाकरे ने संभावित तीसरी लहर को देखते हुए कहा है कि राज्य को कुछ समय के लिए त्योहारों को किनारे रखकर कोरोना संक्रमण को पूरी तरह समाप्त कर उदाहरण पेश करना चाहिए। आयोजकों की वर्चुअल बैठक में उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान लोगों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। जन्माष्टमी के त्योहार पर दहीहांडी उत्सव का आयोजन होता है। माखन-मिश्री से भरी हांडी को ऊंचाई पर टांगा जाता है और युवा मानव पिरामिड बनाकर उसे तोड़ते हैं। महाराष्ट्र में इस उत्सव को राजनीतिक संरक्षण मिला हुआ है और विभिन्न राजनीतिक दल दहीहांडी उत्सव का आयोजन करते हैं और गोविंदा (हांडी तोड़ने वाले) के लिए इनाम की घोषणा करते हैं।
मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से जारी बयान के अनुसार, दहीहांडी के आयोजक भी ठाकरे की अपील के पक्ष में हैं और वे जन्माष्टमी के अवसर पर स्वास्थ्य संबंधी गतिविधियों के आयोजन के पक्ष में हैं। लेकिन, भारतीय जनता पार्टी ने कुछ शर्तों के साथ पारंपरिक तरीके से दहीहांडी उत्सव के आयोजन को अनुमति देने की मांग की है
बीजेपी विधायक आशीष शेलार ने कहा,जिन्होंने कोविड टीके की दोनों खुराक लगवाई है उन्हें कम ऊंचाई पर बिना भीड़-भाड़ के पारंपरिक तरीके से दहीहांडी के आयोजन की अनुमति दी जाए। उत्सव पर प्रतिबंध नहीं लगना चाहिए, बैठक में ठाकरे ने कहा कि कोविड महामारी ने लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी पर तमाम पाबंदियां लगा दी हैं।
उन्होंने कहा,यह पाबंदियां लोगों के कल्याण के लिए हैं। सिर्फ कुछ ही लोग इन पाबंदियों के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। उन्हें कोरोना वायरस के खिलाफ प्रदर्शन करना चाहिए, सरकार के खिलाफ नहीं’ मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरी दुनिया महामारी के बोझ तले दबी हुई है, जिसने कई परिवार बिखेर दिए और कई बच्चों को अनाथ बना दिया।

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