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Chhattisgarh

खनन प्रभावित गांवों में जल आपूर्ति जारी रखने की मांग, वर्ना आंदोलन – माकपा

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कोरबा । मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने बांकीमोंगरा क्षेत्र के खनन प्रभावित पुरैना, बांकी बस्ती, मड़वाढोढा और आसपास के गांवों में निस्तारी, सिंचाई और पीने के लिए जल आपूर्ति जारी रखने की मांग की है। इस संबंध में एसईसीएल महाप्रबंधक कोरबा के नाम उपक्षेत्रिय प्रबंधक सुराकछार पी मवावाला को एक ज्ञापन माकपा जिला सचिव प्रशांत झा, मोंगरा वार्ड की पार्षद राजकुमारी कंवर, कुदरी पारा वार्ड की पार्षद शैल राठौर, किसान सभा के जिलाध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर के साथ जल संकट से जूझ रहे ग्रामीणों ने सौंपा है और जल समस्या का निराकरण न होने पर 7 अक्टूबर को सुराकछार खदान का घेराव करने की चेतावनी दी है। उल्लेखनीय है कि बांकी खदान 1962 से संचालित है। कोयला खनन के कारण यहां जल स्तर काफी गिर चुका है और अपने सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत एसईसीएल ही पीने, निस्तारी और सिंचाई के लिए पानी का प्रबंध करते आया है। लेकिन बांकी खदान बंद होने के बाद अब अचानक एसईसीएल द्वारा इन गांवों में जल आपूर्ति रोक दी गई है, जिससे यहां जल संकट गहरा गया है। माकपा नेता प्रशांत झा ने बताया कि जल आपूर्ति रोक देना इन खनन प्रभावित गांवों व यहां के रहवासियों के साथ न केवल अमानवीय व्यवहार है, बल्कि उनके मानवाधिकारों का हनन भी है। इस व्यवहार के कारण न केवल पेयजल और निस्तारी का संकट गहरा गया है, बल्कि खदान से बाहर निकलने वाले पानी के भरोसे धान की खेती करने वाले किसानों की फसल पर भी बुरा असर पड़ रहा है। माकपा ने अपने ज्ञापन में एसईसीएल प्रबंधन से मांग की है कि पुरैना और बांकी बस्ती में पाईप लाईन के माध्यम से पेयजल सप्लाई चालू रखा जाए, खदान से बाहर निकलने वाले पानी को बोर होल पम्प लगाकर किसानों को खेती की सिंचाई के लिए तत्काल उपलब्ध कराया जाए तथा आसपास के तालाबों को भरने की व्यवस्था की जाए। वार्ड 63मोंगरा और वार्ड 65 कुदरीपारा बांकी बस्ती के पार्षदों ने भी इस समस्या को लेकर एसईसीएल प्रबंधन को पत्र लिख कर चेतावनी दी है।मोंगरा वार्ड की पार्षद राजकुमारी कंवर ने निगम के अधिकारियों से भी बात कर पानी समस्या का तत्काल समाधान की मांग की है।ज्ञापन सौंपने में प्रमुख रूप से अजित,शिवरतन,मोहपाल, श्याम,दिलीप दास,चंद्रभूवन एवं अन्य ग्रामीण उपस्थित थे।

“बी एन यादव की रिपोर्ट”

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