जिला बनने से राजिम के विकास को मिलेगी गति, नदी के तीनों पाट को जोड़कर दिया जा सकता है जिले का स्वरूप
राजिम। राजिम को जिला बनाने पर यहां के विकास को गति मिलेगी। जिस ढंग से राजिम क्षेत्र का विकास होना चाहिए अभी तक नहीं हो पाया है। कहने को यह गरियाबंद जिला का सबसे पुराना शहर है परंतु आज तक यहां रोड डिवाइडर का नहीं बनना इस बात को संकेत करती है कि यह शहर नहीं बल्कि गांव की शक्ल में अभी भी विद्यमान है। मात्र गौरव पथ ही आजादी के इन 75 सालों में बनाया गया है। शिक्षा, स्वास्थ्य एवं अन्य क्षेत्रों में पिछड़ेपन का कई कारण है। यदि राजिम जिला के रूप में अस्तित्व में आता है तो जिले स्तर के अधिकारी यहां बैठेंगे और विकास की योजनाएं यहीं से बनेगी तथा गति मिलेगी। जिस तरह से राजिम एक बड़ी आबादी को कवर करती है उसी तरह से गोबरा नवापारा जिन्हें नवापारा राजिम के नाम से जाना जाता है राज्य सरकार द्वारा वर्तमान में दो शहरों को मिलाकर जिला बनाने की परंपरा चली है उस हिसाब से नवापारा राजिम दोनों को मिलाकर जिला बना दिया जाए तो इनका क्षेत्र वृहद होगा। दोनों शहर संगम नदी के दोनों पाट पर बसा हुआ है। यहां के लोग प्रत्येक कामों के लिए एक दूसरे शहर आना-जाना करते रहते हैं लेन देन के अलावा साहित्यिक व सांस्कृतिक विधाएं जुड़ी हुई है। बाहर से आने वाले लोग नयापारा और राजिम दोनों शहर में कोई अंतर नहीं समझते। दोनों को एक शहर मान कर चलते हैं। वर्तमान में राजिम गरियाबंद जिला के अंतर्गत आता है तो नवापारा रायपुर जिला में स्थित है। बता देना जरूरी है कि खुद राजिम तहसील में 98 गांव आते हैं तथा राजिम और फिंगेश्वर दो नगर पंचायत है। शहर में तहसील कार्यालय हैं तो फिंगेश्वर में उप तहसील कार्यालय मौजूद है तथा फिंगेश्वर ब्लॉक मुख्यालय है तो राजिम अनुविभागीय मुख्यालय है। जानकारी के मुताबिक राजिम तहसील क्षेत्र की जनसंख्या 143812 है। इसी तरह अभनपुर तहसील जिसके अंतर्गत 105 गांव आते थे तथा गोबरा नवापारा उप तहसील मुख्यालय था जिन्हें उन्नयन करते हुए प्रदेश सरकार ने पूर्ण तहसील का दर्जा दे दिया गया है। गोबरा नवापारा तहसील नवापारा राजिम जिला में सम्मिलित होगा तथा मगरलोड तहसील के तकरीबन 30 गांव जिनका व्यापार व्यवसाय नवापारा, राजिम मुख्यालय से ही चलता है इन्हें इस जिला में मिला दिया जाए तो एक बड़ी आबादी राजिम जिला की हो जाएगी। और इसे राजस्व जिला के रूप में अस्तित्व में आने से कोई रोक नहीं सकता। छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माता संत कवि पवन दीवान ने कहा था कि जिस तरह से यहां तीन नदियों का संगम है तथा तीन विकासखंड है। इन्हें जोड़कर आराम से राजिम को जिला बनाया जा सकता है। इनके सपने को साकार करने वाला अभी तक कोई नहीं मिल पाया है शायद प्रदेश सरकार इनके सपने को पूरा कर क्षेत्र की जनता को तोहफा दे सकती है। लेकिन यह कब होगा कुछ कहा नहीं जा सकता। क्योंकि स्थानीय जनप्रतिनिधि से लेकर राजधानी पर प्रतिनिधित्व करने वाले राजनेता की चुप्पी समझ से परे है।
”संतोष सोनकर की रिपोट”