मांगे पूर्ण नहीं होने पर आदिवासियों ने बेचघाट में हजारों की संख्या में एकजुट होकर निकाली रैली

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“नरेश भीमगज की रिपोर्ट”

कांकेर। बेचाघाट में लंबे समय से चल रहे आन्दोलन को एक वर्ष पूर्ण होने जा रहा है चुका है वहीं सर्व आदिवासी समाज द्वारा अपनी कुछ मांगों को लेकर मुख्यमंत्री से मुलाकात भी कर चुके हैं। इसके बाद भी सरकार की ओर से कोई सकारात्मक परिणाम नही मिलने से आदिवासी समाज के लोगों में नाराजगी देखने को मिल रही है। विगत कुछ महीने पूर्व बस्तर संभाग से आदिवासियों ने रैली के माध्यम से सीएम हाउस घेराव के लिए रायपुर निकले थे परंतु प्रशासन ने आन्दोलनकारियो को पुरूर के पास रोक लिया था।और आदिवासियो का प्रतिनिधि मंडल सीएम से मुलाकात के लिए सीएम हाउस पहुंचा था,जहां सीएम ने आदिवासियों के प्रतिनिधियों को आश्वावासन दिया था कि तीन माह के भीतर मांग का सकारात्मक परिणाम मिलेगा।परन्तु लंबे वक्त बीतने के बावजूद भी परिणाम नही मिलने पर सरकार के खिलाफ भी आंदोलनकारियों में आक्रोश देखने को मिल रही है। इस आंदोलन में बस्तर के अलावा दिल्ली व अन्य क्षेत्र से भी लेने कई समाज प्रमुखों ने यहाँ सभा को सम्बोधन किया और आंदोलनकारियों के साथ हुंकार भरी।आंदोलनकारियों ने अस्थाई टेंट लगाकर नदी किनारे अपनी मांग पर डटे है। वहीं जब तक मांगे पूरी नही होती आंदोलन निरन्तर जारी रखने की बात कह रहे हैं। सर्व आदिवासी समाज द्वारा साल भर से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, उनका कहना है की सरकार ग्रामसभा से बिना प्रस्ताव लिए मनमानी तरीके से गांवों में कुछ भी करने की तैयारी कर रही हैं। हमको क्या चाहिए क्या नही चाहिए हम तय करेंगे हमसे पूछा ही नही जा रहा है, पुलिया पर्यटन स्थल तथा बीएसएफ कैम्प के विरोध में आज हजारों की संख्या में लोग एकजुट हुए तथा रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं,अब देखने वाली बात होगी की सरकार आदिवासियो की मांग पर क्या एक्शन लेती है या फिर एक साल से चल रहे यहाँ आंदोलन आगे भी इसी तरह चलता रहेगा।आंदोलन में मुख्य रूप से मैनी कचलाम,गज्जू पददा,बसंत ध्रुव,सिया राम पुड़ो,सरोज गिरी,आलोक शुक्ला,नंदिनी सुंदर,शालिनी गेरा,उत्तम कुमार,सूरजु टेकाम समेत हजारो की संख्या में समाज प्रमुख मौजूद रहे।

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