खाद के लिए भटक रहे है किसान,सोसाइटी में भी खाद वितरण बंद
राजिम। इन दिनों राजिम एवं क्षेत्र के रबी फसल लेने वाले किसान खाद के लिए दर दर भटक रहे है।एक तो सोसाइटीयों में भी खाद वितरण अभी बंद पड़ा है और दुकानों में भी नही मिलने से किसान हलाकान है।कहीं-कहीं अगर मिल भी रहा है तो व्यापारी औने-पौने भाव ने बेच रहे है।1200 रुपए में मिलने वाले डी.ए.पी. को 1450 से 1500 में और 270 रु.के यूरिया को 400 रु.तक बेचा जा रहा है।ग्राम कपसीडीह के किसान विरेन्द्र सिंह ठाकुर ने बताया कि उन्होंने जैसे तैसे करके डी.ए.पी. की व्यवस्था कर ली लेकिन अब यूरिया के लिए भटकना पड़ रहा है और व्यापारियों ने भी अपना व्यापार चमकाने का नया तरीका इजात कर लिया है।एक तरफ खाद बेच भी रहे है तो अधिक कीमत पर और उसके साथ अन्य कीटनाशक या दवाई लेने पर ही खाद देने की बात कर रहे है जो किसानों के ऊपर लादने वाली बात हो गई है।जिससे किसानो के माथे पर संकट के बादल छा गए है।अंचल के किसान होमन यादव,गैंद राम साहू,इशरन साहू,रिखी तारक,उत्तम ठाकुर आदि ने बताया कि धान का फसल में खाद डालने का समय हो गया है जिसके लिए प्रति एकड़ 2 बोरा डी.ए.पी.एवं 1 बोरी यूरिया की आवश्यकता होती है।जिसमे पहले तीन हजार रुपए तक खर्चा आता था लेकिन आज सरकार की उदासीनता और व्यापायारियों की मनमानी की वजह से 6000 रु.तक लग रहा है लेकिन उसके बावजूद भी खाद नहीं मिल पा रहा ऐसे में किसानों को कोई राश्ता दिखाई नही दे रहा।सहकारी समितियों के माध्यम से भी वितरण शुरू होने से किसानों को कुछ राहत मिलता लेकिन उनका भी अब तक कोई अता-पता नही।धान खरीदी भी बारिश के कारण ठप पड़ी है तो कई किसानो धान भी नही बिक है ऐसे में किसान दुकानों से खाद खरीदने के लिये पैसा भी कहाँ से लाये ये भी किसानों के लिये चिंता का सबब बना हुआ है।किसानों की मांग है कि जल्द से जल्द सहकारी समितियों के माध्यम से खाद वितरण शुरू किया जाय और व्यापारियों के मनमानी पर लगाम लगाते हुए खाद की उपलब्धता सुनिश्चित किया जाए।