धान खरीदी सहित विभिन्न शासकीय योजनाओं के लिए अब एकीकृत किसान पोर्टल में होगा पंजीयन,नवीन पंजीयन तथा पंजीकृत रकबे में संशोधन 31 अक्टूबर तक
कोरबा । महत्वपूर्ण बैठक में कृषि, उद्यानिकी विभाग सहित सहकारी बैंक का अमला सहित संबंधित एसडीएम मौजूद रहे। प्रदेश के किसानों का विभिन्न शासकीय योजनाओ का लाभ लेने अब एक ही पोर्टल पर पंजीयन होगा । इसमें किसान के धारित भूमि और बोए गए फसल का रकबा सत्यापन के लिए भुइयां पोर्टल से लिंक कर दिया गया है। अब शासन के निर्देशानुसार एकीकृत किसान पोर्टल में किसानों का पंजीयन किया जाएगा। इसमें राजीव गांधी किसान न्याय योजना, मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना, धान-मक्का उपार्जन, कोदो-कुटकी और रागी उपार्जन योजना सम्मिलित है। पहले प्रदेश के किसान विभिन शासकीय योजनाओं का लाभ लेने अलग अलग कार्यालयों में आवेदन करते थे, इससे समय, संसाधन, आदि का अपव्यय होता था। राज्य शासन ने प्रक्रिया का सरलीकरण कर विभिन्न योजनाओं के लिए एक प्लेटफार्म पर किसना पंजीयन के लिए सूचना प्रौद्योगिकी आधारित एकीकृत किसान पोर्टल विकसित किया है। कृषि विकास एवम किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीयन के लिए जो विस्तृत दिशा निर्देश जारी कर दिए गए है। इस संबंध में आज कलेक्टर रानू साहू की अध्यक्षता में ज़िला पंचायत सभा कक्ष में महत्वपूर्ण बैठक हुई।इस मौके पर कलेक्टर रानू साहू ने उपास्थितों को निर्देशित किया कि इस साल खरीफ मौसम में कृषि, उद्यानिकी फसल और वृक्षारोपण करने वाले किसानों का पंजीयन पोर्टल http://kisan.cg.nic.in में किया जाना हैं। अतः ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी और ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी गंभीरता से अपने दायित्व का निर्वहन करें। कलेक्टर ने बैठक में कहा कि गिरदावरी कार्य राजस्व के साथ कृषि अमले ने किया है अब इसका एमआईएस एंट्री सही तरीके से हो यह सुनिश्चित करें। बैठक में पोर्टल पर किसानों के पंजीयन के बारे में संबंधित अधिकारियों को विस्तार से जानकारी दी गई। एकीकृत किसान पोर्टल में किसानों का पंजीयन, पात्र अपात्र का पोर्टल में पंजीयन की जानकारी,पंजीयन की शर्तें,पंजीयन अवधि, नए किसानों का पंजीयन, पंजीकृत फसल-रकबे में संशोधन, किसान के व्यक्तिगत विवरण में संशोधन, पोर्टल के संचालन संबंधी कार्ययोजना, दायित्व, समय सीमा, पर्यवेक्षण और निगरानी इत्यादि की विस्तार से जानकारी दी गई।बैठक में बताया गया कि खरीफ 2020-21 में धान उपार्जन के लिए पंजीकृत-विक्रय किए गए रकबे पर ही धान के बदले सुगंधित धान, फोर्टीफाइड धान, कृषि फसल, उद्यानिकी फसल, एवम वृक्षारोपण करने वाले किसानों का पंजीयन किया जाएगा। धान बोने वाले पंजीकृत किसानों का डेटाबेस को आगामी वर्षों में उपयोग के लिए कैरी फॉरवर्ड किया जाएगा। लेकिन अब उद्यानिकी, वृक्षारोपण, अन्य फसल की एंट्री भी पोर्टल में की जानी है। बैठक में अधिकारिओ को पोर्टल में चार प्रपत्र में जानकारी इंद्राज की विस्तृत जानकारी भी दी गई। प्रपत्र एक में किसान का नवीन पंजीयन किया जाएगा। इसमें खरीफ मौसम की सभी कृषि एवं उद्यानिकी फसल, धान के बदले सुगंधित धान, फोर्टिफाइड धान, कृषि फसल ,उद्यानिकी फसल तथा वृक्षारोपण सम्मिलित है। यह कार्य कृषि और उद्यानिकी विभाग का अमला करेगा। इसके लिए 31 अक्टूबर तक की तिथि तय की गई है। किसानों के आवेदन का परीक्षण, सत्यापन कार्य सही तरीके से करने की बैठक में हिदायत दी गई। बताया गया कि ऑनलाइन सत्यापित आवेदनों का पोर्टल में एंट्री सहकारिता विभाग द्वारा 31 अक्टूबर तक प्राथमिक कृषि साख समितियों के जरिए की जाएगी। इसके लिए कलेक्टर ने सहकारिता विभाग को भी मैदानी अमले को इसकी विस्तृत और सही एंट्री करने आवश्यक मार्गदर्शन देने के निर्देश दिए। बैठक में प्रपत्र दो के संबंध में जानकारी दी गई कि पंजीकृत फसल-रकबे में संशोधन की कार्रवाई 31 अक्टूबर तक कृषि और उद्यानिकी विभाग द्वारा की जाएगी। इसी तरह किसान के व्यक्तिगत विवरण में संशोधन की कार्रवाई प्रपत्र तीन में की जाएगा। इसके अलावा वारिसान पंजीयन के लिए प्राप्त आवेदनों को प्रपत्र चार में परीक्षण, सत्यापन एवम एकीकृत किसान पोर्टल में इंद्राज तहसीलदार द्वारा किया जाएगा। इसी तरह वन विभाग का दायित्व होगा कि मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के तहत पंजीयन किया जाए। इसमें वन पट्टाधारी द्वारा अपनी भूमि पर वृक्षारोपण, ग्राम पंचायत एवं वन प्रबंधन समिति द्वारा राजस्व भूमि में वृक्षारोपण के लिए आवेदन 30 नवंबर तक लिया जायेगा और धान के बदले वृक्षारोपण करने वाले किसानों का पंजीयन संबंधी आवेदन 31 अक्टूबर तक लेकर पंजीयन शामिल है। बताया गया कि आवेदनों का सत्यापन और पोर्टल में प्रविष्टि वन परिक्षेत्र अधिकारी द्वारा समय सीमा में किया जाएगा। इसके अलावा संस्थागत, रेगहा, बटाईदार, लीज, डुबान क्षेत्र के किसानों का पंजीयन खाद्य विभाग द्वारा 31 अक्टूबर तक कर पोर्टल में पंजीयन किया जाएगा।
“बी एन यादव की रिपोर्ट”