दिव्यांग मां की फरियाद पर बेटी के लिए पूर्व सभापति ने 57 वां बार किया रक्तदान

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”वैभव चौधरी की रिपोर्ट”
धमतरी। स्वैच्छिक रक्तदान दिवस प्रत्येक वर्ष 1 अक्टूबर को मनाया जाता है इसके पीछे का उद्देश्य यह है कि लोगों को रक्तदान के प्रति जागरूक करते हुए जरूरतमंद व्यक्ति को स्वास्थ्यगत सुविधा प्रदान किया जाना है साथ ही इस पुनीत कार्य से अनेक लोगों की जान भी बच जाती है इस क्षेत्र में अनेक सामाजिक कार्यकर्ता व संस्थाएं भी अपना अमूल्य योगदान सेवा कार्य को अंजाम देते हुए कर रहे हैं।
रक्तदान दिवस की सार्थकता को सिद्ध करने के लिए कभी रक्तदान महादान का पर्याय बने शहर की युवा टीम जरूरतमंदों को तत्काल पहुंचकर रक्तदान करती थी इसी संस्था के संस्थापक रहे तथा राष्ट्रीय सेवा योजना के कालेज छात्र के रूप में पूर्व सभापति राजेंद्र शर्मा भी अनेक बार रक्तदान करने के लिए सामने आते थे आज के दिवस पर भी दानीटोला वार्ड की रक्त की कमी के कारण गंभीर रूप से पीड़ित एक 22 वर्षीय कांति नवरंगे की दिव्यांग माता इंदिरा बाई रात्रे के फरियाद पर जो दुर्ग में ससुराल गई है लेकिन वहां 0 नेगेटिव दुर्लभ ग्रुप होने से ब्लड ना मिल पाने के कारण जिला चिकित्सालय में पहुंची थी ,जिसे 57 वां बार ओ नेगेटिव जैसे दुर्लभ ग्रुप का रक्त प्रदान कर उसे स्वास्थ्य लाभ देने की दिशा का सहयोगी बने। उक्त अवसर पर मुख्य रूप से उपस्थित सिविल सर्जन डॉ यू.एल. कौशिक स्वैच्छिक रक्तदान दिवस पर रक्तदाता राजेंद्र शर्मा का अस्पताल के सभी चिकित्सकों तथा स्टाफ की ओर से स्वागत करते हुए बताया कि रक्तदान से किसी प्रकार का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता बल के शरीर को स्वस्थ रखने के लिए निर्धारित समय 3 माह या उससे अधिक में रक्तदान प्रत्येक व्यक्ति को करना चाहिए ।वही एक अनौपचारिक चर्चा में राजेंद्र शर्मा ने कहा कि मानव जीवन की सार्थकता तभी है जब हम अपने कार्यों से दूसरों को सहयोग कर सकें जिसमें रक्तदान करते हुए दूसरों को जीवन देने से बड़ा कोई महादान तथा मानव सेवा नहीं है। उक्त अवसर पर शासकीय अस्पताल के ब्लड बैंक में डॉक्टर जे .एस. खालसा, डॉ राकेश सोनी, डॉक्टर लोकेश साहू ,डॉक्टर कृतिका नाथ चटर्जी, लैब टेक्नीशियन पेमीन साहू,बैदजी,दानीटोला वार्ड पार्षद अज्जू देशलहरे,युवा नेता कुलेश सोनी उपस्थित रहे।

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