सी मार्ट से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्व सहायता समूह के महिलाओ को दिया आर्थिक स्वतंत्रता का अधिकार:प्रज्ञा
रायपुर। जिला पंचायत सदस्य प्रज्ञा निर्वाणी ने स्व सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं से कहा कि गांवों में महिला समूहों द्वारा बनाये उत्पाद अब सरकार खरीदेगी,और उसे आम लोगो को बेचने के लिए हर जिला मुख्यालय में सी मार्ट की स्थापना कर रही है,जिला पंचायत सदस्य प्रज्ञा निर्वाणी ने कहा कि यह ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाने का क्रांतिकारी कदम मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उठाया है। साथ ही साथ गाँव की ही पढ़ी लिखी बेटियों को इस सी मार्ट के संचालन के लिए सरकारी नौकरी भी मिलेगी,अनुबंध करके ऐसे उद्यमी ग्रामीण जो गांवों से महिला समूहों के उत्पाद को जिला मुख्यालय के सी मार्ट तक परिवहन कर सकेंगे उन्हें भी पूरे 365 दिन काम मिलेगा।गांवों के उत्पाद के विक्रय के लिए शहरों में खुलें सी मार्ट आधुनिक शो रूम की तरह होंगे जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था परिवर्तन में कारगर पहल साबित होगी।इन शोरुम में स्व-सहायता समूहों, बुनकरों, कुम्भकारों और कुटीर उद्योगों के उत्पादों की बिक्री की जाएगी,प्रज्ञा निर्वाणी के अनुसार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था के तेजी से विकास के लिए गांवों में तैयार उत्पादों को शहरों के मार्केट से जोड़ने की नई पहल की है, इस योजना के अंतर्गत महिला स्व सहायता समूहों, शिल्पियों, बुनकरों, दस्तकारों, कुम्भकरो को रोजगार भी मुहैया करवाया जाएगा।आधुनिक शोरूम की तरह बने इन सी-मार्ट में पारंपरिक एवं कुटीर उद्योगों द्वारा निर्मित उत्पादों का समुचित मूल्य सुनिश्चित किया जाएगा,वहीं इनकी व्यावसायिक ढंग से मार्केटिंग होगी,जशपुर ,दंतेवाड़ा जैसे सुदूर वनांचलों के उत्पाद हम अपने जिले के सी मार्ट में खरीद सकेंगे और वहां के सी मार्ट में हमारे जिले के उत्पाद भी बिकेंगे।सी-मार्ट की स्थापना से सभी वर्गों के उद्यमियों को अधिकतम लाभ प्राप्त हो सकेगा,इस संबंध में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसके लिए प्रथम चरण में सभी जिला मुख्यालयों में नगर निगमों की स्थिति में 8 से 10 हजार वर्गफुट, नगर पालिकाओं की स्थिति में 6 से 8 हजार वर्गफुट में आधुनिक शो रूम की तरह सी मार्ट खोलने निर्देश देते हुए तात्कालिक रूप से कार्य आरंभ करने के लिए कहा है इसके लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वर्तमान में उपलब्ध किसी शासकीय भवन का उपयोग करने या जिन स्थानों में उपयुक्त भवन उपलब्ध न हो वहां कलेक्टर, उद्योग विभाग अथवा वन विभाग को अच्छी लोकेशन में आवश्यकतानुसार भूमि आबंटित करने भी निर्देश दिए हैं,प्रज्ञा निर्वाणी ने कहा कि सरकार की मंशा ग्रामीण स्व सहायता समूह और कुटीर उद्योगों से जुड़े ग्रामीणों को उनके उत्पाद के लिए बेहतर बाजार उपलब्ध कराना साथ ही साथ रोजगार एवं स्वरोजगार के नए अवसर सृजित करना है,प्रज्ञा निर्वाणी ने समूह महिलाओ को बताया कि महिला समूहों द्वारा निर्मित एवं अन्य सभी पारंपरिक उत्पादकों की प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, ब्रेन्डिग एवं मार्केटिंग की व्यवस्था के लिए उन्हें जिला मुख्यालय में प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।