विकास चौबे की कलम से : भारत पर चीन ने आक्रमण किया जब 1962 में सेना की मदद के सीमाओं पर पहुंचे स्वयंसेवक, पूरे देश ने देखा और सराहा
रायपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी की आरएसएस 90 साल पूरे कर चुका हे। बता दें कि 1925 में दशहरे के दिन डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की थी। आरएसएस की जितनी आलोचना की जाती है, शायद ह दुनिया में किसी संगठन की इतनी आलोचना हुई है। लेकिन क्या आपको पता है कि देश के विकास में आरएसएस क बहुत बड़ा योगदान है। आईए हम बतातें कि आरएसएस का देश के विकास में क्या योगदान है।
जब 1962 में देश पर चीन का आक्रमण हुआ था। तब सेना की मदद के लिए देश भर से संघ के स्वयंसेवक जिस उत्साह से सीमा पर पहुंचे, उसे पूरे देश ने देखा और सराहा। स्वयंसेवकों ने सरकारी कार्यों में और विशेष रूप से जवानों की मदद में पूरी ताकत लगा दी – सैनिक आवाजाही मार्गों की चौकसी, प्रशासन की मदद, रसद और आपूर्ति में मदद, और यहां तक कि शहीदों के परिवारों की भी चिंता। जवाहर लाल नेहरू को 1963 में 26 जनवरी की परेड में संघ को शामिल होने का निमंत्रण देना पड़ा। परेड करने वालों को आज भी महीनों तैयारी करनी होती है, लेकिन मात्र दो दिन पहले मिले निमंत्रण पर 3500 स्वयंसेवक गणवेश में उपस्थित हो गए। निमंत्रण दिए जाने की आलोचना होने पर नेहरू ने कहा- “यह दर्शाने के लिए कि केवल लाठी के बल पर भी सफलतापूर्वक बम और चीनी सशस्त्र बलों से लड़ा सकता है, विशेष रूप से 1963 के गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने के लिए आरएसएस को आकस्मिक आमंत्रित किया गया।