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शहर के बरेझा तालाब में प्लास्टिक डिस्पोजल से बढ़ी गंदगी,इससे तलाब की शक्ल और सूरत दोनों बिगड़ी

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”संतोष सोनकर की रिपोर्ट”

राजिम। शहर के राजिम भक्ति माता चौक से होकर छुरा जाने वाली सड़क मार्ग से लगा हुआ बरेझा तालाब में इन दिनों गंदगी का अंबार है। प्लास्टिक डिस्पोजल, पानी पाउच की झिल्ली, खाद्य पदार्थ के रेपर किनारे में इस कदर फैला हुआ है कि इससे तलाब की शक्ल और सूरत दोनों बिगड़ गई है। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए सिंगल यूज़ प्लास्टिक पर 1 जुलाई से प्रतिबंध लगा दिया गया है इनका उपयोग करने वालों को कड़ी सजा देने का प्रावधान भी किया गया है। परंतु छत्तीसगढ़ के प्रयाग नगरी राजिम में इसका कोई असर नहीं दिख रहा है न ही जिला प्रशासन इस दिशा में सक्त दिख रहा है और न ही अभी तक जन जागरूकता अभियान या फिर मुनादी जैसे कार्य नहीं हुए हैं नतीजा आज भी धड़ल्ले से सिंगल यूज प्लास्टिक सामग्री का उपयोग हो रहा है। इस तालाब के किनारे पर तकरीबन 200 गज की दूरी तक सिंगल यूज़ प्लास्टिक पड़े हुए हैं। लगता है आसपास के लोगों ने शादी समारोह या फिर अन्य कोई कार्यक्रमों में उपयोग होने के बाद डिस्पोजल पानी के गिलास, चाय के कप, खीर के कप, पानी पाउच की झिल्ली, सामान रखने की झिल्ली, खाद्य पदार्थ के रैपर इत्यादि बिखरे हुए हैं। जिससे पूरा तलाब गंदा दिख रहा है। अब तालाब में पानी लेने के लिए भी इस तरफ से जाने की जगह नहीं है तालाब का पानी प्रदूषित होते जा रहा है। तालाब के किनारे चौड़ी पर बैठे एक बुजुर्ग ने बताया कि आज से 40 साल पहले तालाब बिल्कुल साफ सुथरा था लोग नहाते थे तथा कमल फूल इत्यादि बड़ी मात्रा में होते थे। लोग कमल के गट्टे, ढ़ेस, पूरइन पत्ता, कमल फूल से प्रतिदिन का खर्चा भी निकाल लेते थे और इस तरह से यह तालाब कमाई का जरिया भी था लेकिन समय के साथ-साथ अब इनकी उपयोगिता पहले जैसे नहीं रही है। जानकारी के मुताबिक दुनिया भर में हर सेकंड 15000 प्लास्टिक की बोतल ही बिकती है वहीं हर साल 26 से 27 ट्रिलियन प्लास्टिक बैगों की खपत होती है। प्लास्टिक ऐसी चीजें हैं जिन्हें इकट्ठा करना मुश्किल होता है इसे रीसाइक्लिंग नहीं किया जा सकता। उनका इस्तेमाल बंद होना है मानव हित में है। सरकार के द्वारा 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग बंद करने से फर्क पड़ा है और दिनों दिन इनके उपयोग में कमी आ रही है परंतु शहर में अभी भी प्लास्टिक सिंगल यूज का धड़ल्ले से उपयोग चिंता का विषय बन गया है। दूसरी ओर स्थानीय लोगों ने नगर पंचायत से शीघ्र तालाब किनारे पड़े हुए कचरे सिंगल यूज प्लास्टिक सामग्री को हटाने की मांग की है ताकि तालाब की स्वच्छता बनी रहे।
मजेदार बात है कि तालाब के किनारे नगर पंचायत प्रशासन ने चौड़ी पर स्लोगन गंदगी नहीं करने के लिए लिखवाए हैं उसमें लिखा हुआ है पानी में कचरा फेकोगे तो जुर्माना भरोगे, इसमें यह भी लिखा हुआ है नगर के जल स्रोत नदी नाले तालाब में कचरा ना फेंके, इसका उल्लंघन किए जाने पर जुर्माना किया जाएगा परंतु इस चौड़ी लेखन का कोई मायने ही नहीं समझ रहे हैं और तालाब के अंदर दे दना दन कचरा डाल रहे हैं। पढ़े लिखे समाज में भी इस तरह से सफाई के प्रति कोताही बरतना ओछी मानसिकता को दर्शाने का काम करते हैं। विज्ञापन में जैसे सजा का प्रावधान लिखा है यहां पर कचरा डालने वाले के ऊपर लागू होना चाहिए ताकि तलाब स्वच्छ रहे।

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