मुस्लिम भाईयों का जगह-जगह किया गया फूलों से स्वागत, बारिश के बावजूद भी कारवां नहीं रूका,जश्ने ईद मिलादुन्नबी के मौके पर निकला जुलूसे मोहम्मदी लहराया परचमे इस्लाम, मांगी गई खुशहाली के लिए दुआ

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वैभव चौधरी की रिपोर्ट
धमतरी।
पैगम्बरे इस्लाम हजरत मोहम्मद सल्लाहोअलैहे वसल्लम की यौमे विलादत के मौके पर मुस्लिम भाईयों ने भव्य एवं आकर्षक जुलूस निकाला। बरसते पानी में निकले इस जुलूस में शामिल युवाओं का उत्साह देखते बनता था। रंग-बिरंगे परिधानों में सजे बच्चे विशेष आकर्षण के केन्द्र बिन्दु बने हुए थे। आपसी प्रेम और सद्भावना का परिचय देते हुए यहां के अन्य सम्प्रदाय के लोगों ने भी अपने मुस्लिम भाईयों को जश्ने ईद मिलादुन्नबी की मुबारकबाद दी। परचम कुशाई की रस्म अदा कर मुल्के-ए-हिंद में अमन-चैन और खुशहाली के लिए दुआ मांगी गई।
रविवार को इंसानियत के पैरोकार सरकारे दो आलम हजरत मोहम्मद सल्लाहोअलैहे वसल्लम की शान में अंजुमन इस्लामियां कमेटी के जेरे निगराह में जुलूस-ए-मोहम्मदी ईदगाह से निकला। मुस्लिम भाई परचमे-ए-इस्लाम को लेकर नारे-ए-तकबीर की सदाएं बुलंद करते हुए चल रहे थे। रंग-बिरंगे परिधानों में आकर्षक का केन्द्र बने युवा सरकारे दो आलम सल्लहोअलेही वसल्लम की आमद की खुशी में नात शरीफ गुनगुनाते हुए फिजां को और खुशनुमां बना रहे थे। जुलूस में शामिल छोटे-छोटे बच्चे भी आकर्षण का केन्द्र बने हुए थे। सरकार की आमद मरहबा का नारा बुलंद करते हुए यह जुलूस शहर के रिसाईपारा, बनियापारा, कचहरी चौक,सदर बाजार, नेशनल हाइवे होते हुए वापस ईदगाह पहुंचा। यहां हनफिया मस्जिद के पेश इमाम मुफ्ती मौलाना तौहिद आलम समेत शहर की अन्य मस्जिदों के पेश इमाम और हाजियों ने परचम कुशाई की रस्म अदा की। इसके बाद हाजी हारून उस्मान, मो. एजाज और हाजी अकरम खत्री ने सलातो सलाम का नजराना पेश किया। जैनब पैलेस और यतीमखाना उस्मानिया में लंगर का प्रोगाम हुआ,जिसमें सैंकड़ों की संख्या में लोग शामिल हुए। जुलूस में अंजुमन इस्लामिया कमेटी के अध्यक्ष हाजी नसीम अहमद, हाजी हारून उस्मान, हाजी अय्यूब निर्वाण, दिलावर रोकडिय़ा, अब्दुल रज्जाक रिजवी, मोहम्मद शाह अहमद, मोहम्मद शमीम, वसीम कुरैशी, हाजी बशीर अहमद, युसूफ रजा,नजीर अहमद सिद्दीकी, सलीम गौस,मुन्नाफ भाई, आजम रिजवी, शेख सिराजुद्दीन, शेख आजम, सलीम रोकडिय़ा, जुनैद रिजवी, मोईन खान गोल्डी, जावेद खान, अवैश हाशमी, हाजी अब्दुल सलाम खत्री, अशरफ विरानी, सैय्यद आसिफ अली, इकबाल बुरहान, इरफान विरानी, तनवीर कुरैशी, मो. हाजी अमीन, रेहान विरानी, गोलू रोकडिय़ा, तनवीर उस्मान, लक्की रिजवी, इकबाल खोखर, अनस रजा, असलम रोकडिय़ा, अहमद रजा आदि मौजूद रहे।
रहमत बनकर आए
हनफिया मस्जिद के पेश इमाम मुफ्ती मौलाना तौहिद आलम ने फरमाया कि पैगम्बरे इस्लाम एक धर्म, एक जाति, एक वर्ग, एक नस्ल, एक देश के लिए नहीं, बल्कि पूरी कायनात के लिए रहमत बनकर आए। इंसानियत का उन्होंने पैगाम देकर आपसी भाईचारे की बुनियाद को मजबूत किया। उनके बताए रास्ते पर चलकर ही हम अपनी दुनिया और आखिरत को संवार सकते हैं। आशिके रसूल बनकर इंसानियत का पैगाम पहुंचाएं।
आपसी भाईचारा झलका
जुलूसे मोहम्मदी में शामिल मुस्लिम भाईयों पर शहर में जगह-जगह फूलों की बारिश कर स्वागत किया गया। कचहरी चौक के पास महापौर विजय देवांगन, जिला कांग्रेस अध्यक्ष शरद लोहाना, मोहन लालवानी, अरविंद दोशी, हरमिंदर छाबड़ा,ईश्वर देवांगन, देेवेन्द्र जैन की अगुवाई में कांग्रेसजनों ने स्वागत किया। कौमी एकता कमेटी की ओर से जुलूस में फूलों की बारिश कर स्वागत किया। इसके अलावा विभिन्न संगठनों की ओर से मुस्लिम भाईयों का स्वागत किया गया।
पुलिस की चौक चौबंद व्यवस्था
कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए स्थानीय पुलिस प्रशासन की ओर से व्यापक व्यवस्था की गई थी। जुलूस के साथ-साथ बडï़ी संख्या में पुलिस बल चल रहा था। चौक चौराहों में भी पुलिस के जवान सादे वेश में तैनात थे। एएसपी मेघा टेंभुरकर, डीएसपी सारिका वैद्य, टीआई शेर खान, गगन वाजपेयी आदि जुलूस के साथ-साथ चल रहे थे।

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