पोला पर खूब दौडाए नादिया बैल
“संतोष सोनकर की रिपोर्ट”
राजिम। अंचल के गांव शहर सभी जगह पोला पर्व धूमधाम के साथ मनाया गया। इस मौके पर छोटे-छोटे बच्चों के द्वारा नादिया बैल खूब दौड़ाएं गए। बताना जरूरी है कि पोला पर्व पर मिट्टी के बैल बनाकर उनकी पूजा अर्चना की जाती है उन्हें चीला का भोग भी लगाया जाता है। जैसे ही पूजा-अर्चना होगी उसके बाद बच्चे बैल डराने के लिए ले गए और खेल खेल में दौड़ आते रहे बच्चियां चुकी पोरा खेलकर त्यौहार को धूमधाम से मनाया गया। वही किसान अपने बालों को आज खूब नहलाया तथा उन्हें रोटी खिलाकर उनके प्रति कृतज्ञता अर्पित की गई। उल्लेखनीय है कि इस पर्व में ग्रामीण देवी देवताओं की पूजा अर्चना की गई तथा फसलें को गर्भाधान संस्कार संपन्न किया गया। पशुओं के प्रति कृतज्ञता अर्पित करने का यह पर्व में लोग तरह-तरह के छत्तीसगढ़ी पकवान भी बनाए हुए थे जिन्हें खाकर पुष्ट हुए। इस अवसर पर गांव गांव में खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था जिसमें लोक खेलों का लुत्फ उठाया गया। चौबेबांधा, सिंधौरी, बरोंडा, श्यामनगर, सुरसाबांधा, कुरूसकेरा, तर्रा, कोपरा, धूमा, परतेवा, देवरी, लोहरसी, पथर्रा, नवाडीह, बकली, पीतईबंद, रावड़, परसदा जोशी, पोखरा, भैंसातरा, कौंदकेरा इत्यादि गांव में पोला पर्व की धूम देखी गई। तीजा पोरा पर्व के मद्देनजर बाजार में अच्छी खासी भीड़ देखी गई।