नारायणपुर में हुए मुठभेड़ की बात को नक्सलियों ने पुलिस की मनगढ़त कहानी बताया
नारायणपुर। जिले की कथित मुठभेड़ में अब माओवादियों ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उत्तर बस्तर डिविजनल कमेटी के प्रवक्ता सुखदेव कौडो ने प्रेस नोट जारी किया है। इसमें नारायणपुर में पुलिस-नक्सली मुठभेड़ की बात को पुलिस की मनगढ़त कहानी बताया है। सुखदेव ने कहा कि हमारी पुलिस के साथ कोई मुठभेड़ नहीं हुई थी। उस रात करीब 1:30 बजे भरंडा थाना से महज 6 किमी दूर स्थित BSF कैंप के पास लगे जिओ टावर के पास शिकार पर गए गांव के ही एक युवक मानूराम नुरेटी को गोली मारी है। पुलिस ने इसे नक्सली बताया था। साथ ही मुठभेड़ के बाद शव के पास से पुलिस ने बंदूक, कुकर बम, पिट्ठू बैग, समेत भारी मात्रा में सामान भी बरामद करने की बात कही है। माओवादियों ने कहा कि यह पुलिस की झूठी कहानी है।नक्सलियों ने प्रेस नोट के माध्यम से कहा है कि, इससे पहले भी कई तरह के नरसंहार हुए हैं। एड्समेटा, सिलगेर, तड़बल्ला, गुममरका जैसी घटनाओं में कई निर्दोष ग्रामीणों को मारा गया है। साल 2014 में कांकेर जिले के भाटनार में शिकार पर गए ग्रामीणों पर पुलिस ने फायरिंग की थी। जिसमें 2 ग्रामीणों की मौत हुई थी। साथ ही साल 2017 में गट्टाकाल गांव में भी शिकार पर गए एक ग्रामीण पर फायरिंग कर उसकी हत्या की है।