नई पीढ़ी के बच्चे अपने पालकों से पूछ रहे कि अभी तक राजिम क्यों जिला नहीं बना
संतोष सोनकर की रिपोर्ट
राजिम। राजिम जिला की मांग पिछले कई वर्षों से लगातार चल रही है पवन दीवान के अलावा और कोई बड़े नेता इस मांग को मुखरित होकर आवाज राजधानी के गलियारों में गुंजायमान अभी तक नहीं किए हैं हालांकि दलीय राजनीति से ऊपर उठकर सभी दल के नेता राजिम जिला की मांग कर तो रहे हैं। परंतु किसी का आगे नहीं आना क्षेत्र की जनता को खल रही है। हमने विभिन्न गांव के कई लोगों से चर्चा की तब कहीं जाकर यह बात सामने आई कि राजिम को जिला अविभाजित मध्यप्रदेश के समय से ही बन जाना चाहिए था परंतु यहां का दुर्भाग्य है कि छोटे-छोटे कस्बा जिला बन चुके हैं और राजिम हिंदुस्तान के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल होने के बाद भी जिला नहीं बन पाया है। स्पष्ट है स्थानीय नेता राजिम विधानसभा क्षेत्र को सिर्फ वोट बैंक बनाकर सत्ता के गलियारों में धमाचौकड़ी दिखाना चाहते हैं। या फिर भावनात्मक रूप से परिवार कहकर खुश तो कर देते हैं। परंतु हक की लड़ाई लड़ने में पीछे हो जाते हैं। जिला नहीं बनने से नई पीढ़ी के बच्चे अपने पालकों को स्पष्ट रूप से कोस रहे हैं। उन्हें पढ़ाई के लिए रायपुर दुर्ग भिलाई बिलासपुर तथा अन्य बड़े शहरों में जाना पड़ रहा है। यहां मात्र एक राजीवलोचन कॉलेज के अलावा शिक्षा के क्षेत्र में और कुछ नहीं है व्यवसायिक पाठ्यक्रम के अंतर्गत न ही यहां इंजीनियरिंग, नर्सिंग कॉलेज, डेंटल कॉलेज, आयुर्वेदिक कॉलेज इत्यादि अभी तक नहीं खुल पाया है। एक आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल भी राजिम में नहीं खुल पाया।तहसील और एसडीएम कार्यालय के अलावा और कुछ नहीं दिखता। बाकी सब काम करवाने के लिए या तो 45 किलोमीटर दूर गरियाबंद तथा इतनी ही किलोमीटर दूर राजधानी रायपुर जाना पड़ता है। जबकि छत्तीसगढ़ बनने के बाद 16 से 33 जिला बन चुके हैं। उल्लेखनीय है कि संत कवि पवन दीवान विधायक, सांसद के साथ ही जेलमंत्री रहे हैं। उनके अट्टहास ने क्षेत्र में विकास के नए-नए इतिहास रचे हैं उन्होंने जिले की मांग छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी से किया तब उन्होंने कहा कि राजिम को धार्मिक जिला बना दिया जाएगा। इस पर पवन दीवान का स्पष्ट कहना था कि दुनिया में कहीं कोई धार्मिक जिला नहीं है फिर राजिम को क्यों। दीवान जी राजिम को राजस्व जिला बनाने की मांग पर अड़े रहे। तब जोगी ने कहा था कि नए जिला जब भी बनेगा राजिम नवापारा को मिलाकर जिला बना दिया जाएगा। तब से लेकर आज तक इनका क्रम नहीं आया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जब राजस्व मंत्री बने थे तब पवन दीवान उनसे हमेशा राजिम जिला की बात करते रहे। वैसे भी संतकवि के सरल स्वभाव किसे प्रभावित नहीं किया। एक बार क्षेत्र के लोग सड़क बनवाने के लिए सीधे दीवान जी के पास पहुंच गए और कहा कि सड़क कच्ची है तथा बड़ी-बड़ी गिट्टी उभर आई है हम चाहते हैं कि इसमें बारिक गिट्टी डाला जाए ताकि बड़ी गिट्टी दब जाएगा और लोगों को आने-जाने में सुविधा होगी। इतने पर उन्होंने तुरंत पीडब्ल्यूडी के अधिकारी को फोन लगाया और निर्देशित नहीं किया बल्कि निवेदन किया। इसी समय बेल वृक्ष से एक बेल दन से नीचे गिरा आवाज सुनकर सबका ध्यान उसी ओर चला गया। इधर दीवान जी का जोरदार अट्टहास हुआ। यह दृश्य सभी को रोमांचित कर दिया। दूसरे दिन सड़क पर बारीक गिट्टी डालना शुरू भी हो गया। उनके इसी स्वभाव ने लोगों को प्रभावित किया है आज उनके नहीं रहने से क्षेत्र के लोगों को उनकी कमी पल पल में खल रही है। जिले की मांग जनता जोर-शोर से कर रहे हैं परंतु जनप्रतिनिधियों की उदासीनता लोगों की समझ में नहीं आ रही है। अभी तक तो जिला के लिए संघर्ष समिति भी बन जाना चाहिए था। खैर वर्तमान में विधानसभा वार मुख्यमंत्री का दौरा कार्यक्रम चल रहा है वह प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में जा रहे हैं लोगों की उम्मीदें बंध गई है कि जब भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राजिम आएंगे तो सबसे पहले जिला की सौगात देंगे। जिला की सौगात देकर राजिम का सम्मान, तीर्थ नगरी का सम्मान,यहां की भोली-भाली जनता का सम्मान होगा।