वीआईपी मार्ग के स्वागत गेट ने किया आवागमन बाधित राम वनगमन पथ के अंतर्गत निर्माण किया जा रहा
संतोष सोनकर की रिपोर्ट
राजिम। राम वनगमन परिपथ विकास कार्य के अंतर्गत राजिम में लाखों रुपए के विकास कार्य कराए जा रहे हैं परंतु इन सभी कार्यों की जानकारी देने के लिए कहीं पर कोई फलक नहीं लगाई गई है। क्या क्या बनना है तथा किस मद के अंतर्गत कितनी राशि स्वीकृत है पूरी जानकारी देने वाले ऐसी सूचना बोर्ड कहीं पर नहीं लगा है जिसके कारण लोग मात्र कयास लगा रहे हैं कि यहां पर फला भवन का निर्माण होगा। जितनी मुंह उतनी बात हो रही है। मजेदार बात यह है कि सारे कार्य छत्तीसगढ़ शासन के देखरेख में हो रहा है लेकिन प्रदेश सरकार के इन कार्यों की जानकारी तक नहीं हो रही है। उल्लेखनीय है कि वीआईपी मार्ग पर राम वनगमन परिपथ विकास कार्य के अंतर्गत स्वागत द्वार का निर्माण किया जा रहा है इसे बनाने में ही तीन महीने का समय लग चुका है और अभी कितना समय लगेगा यह कह पाना मुश्किल है। निर्माण अवधि कितने महीने की है हमने जानकारी लेने का प्रयास किया लेकिन कहीं से कोई आसार नजर नहीं आया। स्वागत गेट के लिए कितनी राशि स्वीकृत हुई है तथा उन्हें कब तक तैयार करके देना है किसी को कुछ पता नहीं है। जिम्मेदार अधिकारी या तो उन्हें पता नहीं है या फिर बताना देना नहीं चाहते। अलबत्ता नदी के किनारे की दुकानें पिछले तीन महीने से ठीक से नहीं चल पा रही है। दर्शनार्थियों को अब सीधे वीआईपी मार्ग से आने की बजाय घूमकर सुभाष चौक होते हुए कन्या शाला से होकर मुक्ताकाशी महोत्सव मंच के पास पहुंचते हैं इसमें उन्हें कई लोगों को पूछना पड़ता है तथा एस्ट्रा आधा किलोमीटर का भार अलग से लगता है। इसी मार्ग से होकर प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु एवं पर्यटक आना-जाना करते हैं जहां सड़क अहम भूमिका निभाते हैं परंतु पिछले 3 महीने से लोगों की मुश्किलें बढ़ गई है। बिना जानकारी के आने वाले पर्यटक सीधे अपने गाड़ी नदी में ही घुसा देते हैं। स्वागत गेट से ही 200 गज की दूरी पर पर्यटन विभाग के द्वारा ही भवन बनाए जा रहे हैं। यहां पर एक बोर्ड लगा हुआ है जिसमें राम वन गमन पथ विकास कार्य राजिम लिखा हुआ है। स्वीकृत राशि 1312.49 लाख रुपया है। निर्माण एजेंसी हिंदुस्तान प्रीफैब लिमिटेड भारत सरकार का संस्थान लिखा हुआ है बाकी और कुछ कुछ काम चल रहे हैं जहां पर कोई जानकारी का फलक चस्पा नहीं किया गया है। स्थानीय लोगों ने कछुआ चाल से चल रहे स्वागत द्वार के निर्माण में तेजी लाने का आग्रह किया है। ताकि आने जाने वाले लोगों को सोहलियते हो।