राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र पंडो, मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे है,केंद्रीय मंत्री के सामने झलके आंसू

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बलरामपुर । जिले में राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले पंडो समुदाय आज भी मूलभूत समस्याओं से जूझ रहा है। जिले को ओडीएफ तो घोषित कर दिया गया है, लेकिन इनके गांव में एक भी शौचालय नहीं है। इसके साथ ही गांव में सड़क और स्कूल की व्यवस्था तक नहीं है, जिसके कारण पढ़ाई और दवाई के लिए ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह भी बलरामपुर पहुंची, जहां उन्होंने सरकार की योजनाओं का हवाला देते हुए गांव के विकास की बात कह रही हैं। तो वहीं मामले में जिम्मेदार अधिकारी भी कह रहे हैं कि अब गांव में उचित व्यवस्था मुहैया कराई जाएगी।
ग्रामीणों ने बताया कि गांव में कोई भी स्कूल नहीं है जिसके कारण बच्चों को पढ़ाई के लिए दूर भेजना पड़ता है। इस कारण बच्चे शिक्षा से दूर होते जा रहे हैं. गांव में एक भी शौचालय नहीं है, प्रधानमंत्री आवास भी आधे अधूरे पड़े हैं। गांव में जब कोई बीमार होता है तो चारपाई के सहारे करीब 4 किलोमीटर तक पैदल ही ले जाना पड़ता है, यही कारण है कि ग्रामीण इलाज कराने की बजाय झाड़फूंक का सहारा लेते आ रहे हैं। गांव में एक हैंडपंप तो लगा है लेकिन पानी के लिए ग्रामीणों को काफी मेहनत करनी पड़ती है। जब हैंडपंप खराब हो जाता है तो ग्रामीणों को नदी और नाले का सहारा लेना पड़ता है।बलरामपुर जिले के रामचंद्रपुर विकासखंड अंतर्गत पिछले चार माह में विशेष संरक्षित 20 पंडो की मौत हो चुकी है। जिनकी मौत पर सियासत गरमाई हुई है।

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