देर रात बैलगाड़ी से कर रहे है धान तस्करी,जवानों ने ओडिशा बार्डर पर वाहनों को पकड़ा
रायपुर । छत्तीसगढ़ में 1 दिसंबर से धान खरीदी शुरू होनी है। इससे पहले ही धान की तस्करी जारी है। प्रशासन और पुलिस की टीमें लगातार कार्रवाई कर रही हैं। गरियाबंद में तो जवान ट्रैक सूट में क्रिकेट खिलाड़ी बनकर मैदान में उतरे और ओडिशा बार्डर पर वाहनों को पकड़ा। यह देखकर अब तस्करों ने पैंतरा बदल दिया। वह बैलगाड़ी लेकर आ गए हैं। हर ट्रिप का 500 रुपए दिया जा रहा है।
रात के अंधेरे में वाहनों की लाइट और आवाज से उनका पता चल जाता है। इसके चलते पुलिस सतर्क हो जाती और धान पकड़ा जाता। इसे देख रात के अंधेरे में साइकिल और बैलगाड़ी से धान ओडिशा से तस्करी कर छत्तीसगढ़ भेजा जा रहा है। टीम मौके पर पहुंची तो धोबनमाल के एक कोचिये के घर यह धान डंप हो रहा था। बैलगाड़ी को हांक रहे बुजुर्ग ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उन्हें महज 4 किमी का आना-जाना करना होता है। रात 10 बजे से 3 बजे तक 4 ट्रिप बैलगाड़ी में धान ले आते हैं। बार्डर पर धान डंप और लोड- अनलोड करने वाले पहले से ही दोनों छोर में मौजूद होते हैं। एक ट्रिप का उन्हें 500 रुपए दिए जा रहे हैं। एक बार मे 15 बोरी तो 4 बार मे 60 बोरी ले आते है। उन्हें 4-5 घंटे काम करने का 2 हजार मिल जाता है। साइकिल वाले भी काम में लगे हैं।
प्रशिक्षु IAS विश्वदीप ने बताया कि जिन तीन चेक पोस्ट से कर्मी नदारद मिले वहां से सुपेबेडा और दहिगांव के माहिर दो धान तस्करों के साथ मिली भगत की भी सूचना लगातार मिल रही थी। निरीक्षण में इन्हीं चेकपोस्ट के कर्मचारी गायब मिले। कैठपदर सीमा पर भी अब गायब मिले सभी कर्मचारियों पर कार्रवाई होगी। इसके लिए प्रतिवेदन भेजा जा रहा है। वहीं दूसरी ओर कोटवार के रिश्तेदार द्वारा बिचौलियों को पार कराने की सूचना है।