रंजीत हत्या कांड में गिरफ्तार आरोपियों का पुलिस ने मुंह काला कर निकाला जुलूस, नारा लगवाया -अपराध करना पाप है,पुलिस हमारी बाप है
भिलाई। रंजीत हत्याकांड में छावनी पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए छह आरोपितों को मंगलवार की दोपहर को पुलिस ने सभी के मुंह पर कालिख पोतकर कैंप क्षेत्र में घुमाया गया। साथ ही सार्वजनिक रूप से अपराध करना पाप है, पुलिस हमारा बाप है बोलकर आरोपियों से बार-बार नारा लगाया गया।
ज्ञातव्य हो कि 19 जून की देर रात करीब 13 बजे साईं नगर निवासी रंजीत सिंह (20) अपने दो दोस्तों शुभदीप और पीटर के साथ साईं मंदिर के पास बैठा था। तभी कैंप-1 निवासी सोना उर्फ जोश अब्राहम, गणेश्वर उर्फ अमन भारती उर्फ टिम्पू, बिसेलाल भारती उर्फ छोटू, भूपेंद्र साहू, निखिल साहू, इंदिरा नगर, सुपेला निवासी पिंटू उर्फ प्रीतम सिंह, चिकी निखिल और लोकेश पांडेय की फॉरच्यूनर कार व बाइक से वहां पहुंच गए।
आते ही आरोपियों ने रंजीत और उसके दोस्तों पर बेसबॉल बैट, चाकू से हमला कर दिया। मारपीट के दौर शुभदीप व पीटर वहां से भाग निकले। इसके बाद रंजीत सिंह को आरोपी मारते हुए झूले के पास से स्ट्रीट लाइट पोल के पास ले आए। वहां लात-घूंसों, बेसबॉल बैट और चाकू से हमला कर रंजीत की हत्या कर दी। इसके बाद रंजीत के शव को गाड़ी में डाला और लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल सुपेला के सामने फेंक कर भाग निकले थे।
सूचना मिलने के बाद आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम बनाई गई। CCTV फुटेज, तकनीकी साक्ष्यों और पूछताछ में आरोपी सोना उर्फ जोश अब्राहम, अमन, बिसेलाल, भूपेंद्र और पिन्टू सिंह के दो बाइक से राजनांदगांव की ओर भागने का पता चला। इस पर पुलिस टीम ने आरोपियों के रिश्तेदारों के घर छापा मारकर जालबांधा से पकड़ लिया। जबकि एक आरोपी को निखिल साहू को ग्राम रसमड़ा में घेराबंदी कर गिरफ्तार किया गया।वहीं चिकू निखिल एंजल की भी तलाश की जा रही है।
पुलिस की पूछताछ में आरोपियों से पता चला कि रंजीत सिंह उनसे रंजिश रखता था। वारदात से दो दिन पहले बिसेलाल का जन्मदिन था। उस दिन रंजीत ने उसे चाकू दिखाया था। यह बात उसने अपने साथियों को बताई तो सभी ने लोकेश पांडेय की दुकान में बैठकर हत्या का षड्यंत्र रचा। बताया जा रहा है कि लोकेश ही हत्याकांड का मास्टर माइंड है। पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर वारदात में प्रयुक्त बेसबॉल बैट, चाकू व अन्य सामान बरामद कर लिया है।
पुलिस पूछताछ में यह भी सामने आया है कि रंजीत का एक साथी चोरी के मामले में जेल में बंद हैं। रंजीत को लगता था कि इसकी मुखबिरी बिसेलाल ने ही की है। इसके चलते वह उसे धमकी दे रहा था।