प्राचीन मां महामाया मंदिर में नवरात्र पर्व की तैयारियां शुरू

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राजिम 20 सितंबर । नगर सहित अंचल में नवरात्र पर्व की तैयारियां शुरू हो गई है। इसके लिए अभी से लोग एक ही स्थान पर बैठकर इनकी तैयारियों को अमली जामा पहनाने का काम कर रहे हैं। समिति के लोग एकत्रित होकर इस आयोजन के लिए मूर्तियों के आर्डर मूर्तिकारों को दिए जा रहे हैं ताकि वह समय पर मूर्तियां उनको दे सकें। गांव में बांस बल्ली के अलावा तोरण द्वार से स्थल को सजाया जाता है इसके लिए सामग्रियों के इंतजाम करना अभी से शुरू कर दिए हैं दूसरी ओर घरों में भी इस पर्व में जोत जंवारा के साथ ज्योति कलश प्रज्वलित किए जाते हैं। पात्र के लिए कुंभ कारों को ऑर्डर दिए जा रहे हैं। नगर में कमल क्षेत्र की आराध्य देवी मां महामाया के प्राचीन कालीन मूर्तियां है। इस मंदिर के गर्भगृह में दो मूर्ति एक मां महामाया तथा दूसरा मां काली की मूर्ति प्राकृतिक होने की जानकारी मिलती है। मां महामाया प्रबंध समिति के अध्यक्ष शत्रुघ्न धीवर ने बताया कि तैयारियों के तौर पर ज्योति कलश जलाने वाले श्रद्धालु सीधे अब मंदिर में ही संपर्क कर रहे हैं यहां कुछ सदस्य हमेशा बैठे रहते हैं उनके पास आकर रसीद कटवा रही है। तेल ज्योति ₹601 रखा गया है। पिछले वर्ष राशि कम थी लेकिन इस बार तेल की बढ़ती महंगाई के कारण राशि कुछ बढ़ी हुई है। पिछले साल गिनती के ही कलर्स प्रज्वलित किए गए थे इस बार भक्तगण अपनी मुराद पूरी करवाने के लिए मां से प्रार्थना के बताओ ज्योति कलश प्रज्ज्वलित कर सकते हैं। उनके अलावा मंदिर से ही 100 गज की दूरी पर स्थित मां चंडी की मूर्ति अत्यंत प्राचीन है यह पुरानी हटरी पर स्थित है। चौबेबांधा सड़क मार्ग पर मां सत्ती विराजमान है। बस्ती पारा में शक्ति माता है तो संगम के मध्य में स्थित कुलेश्वर नाथ महादेव मंदिर के जूती गर्भ गृह में जगत जननी मां दुर्गा स्थापित है यहां भी वक्त गंज बड़ी संख्या में ज्योति कलश प्रज्वलित करते हैं। इनके अलावा प्राचीन शीतला मंदिर में श्रद्धालुओं की श्रद्धा अटूट है यहां भी तैयारियां पर्व के मद्देनजर तेज हो गई है। यहां से कुछ ही दूरी पर जंगल और पहाड़ों में स्थित जतमई धाम, घटारानी, रमई पाठ आदि में भी तैयारियां जोरों से चल रही है।

”संतोष सोनकर की रिपोर्ट”

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