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आरएसएस प्रमुख छत्तीसगढ़ प्रवास पर, जनजातीय गौरव दिवस के कार्यक्रम में हुए शामिल

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जशपुर। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में दिलीप सिंह जूदेव की प्रतिमा का अनावरण एवं जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत शामिल हुए। गौरव दिवस कार्यक्रम में शामिल होने से पहले संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर आशीर्वाद लिया। इस आयोजन में शामिल बीजेपी के वरिष्ठ दिग्गज नेता बृजमोहन अग्रवाल ने भी भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनके संघर्षों को याद किया। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने घर वापसी के महानायक, जनजातीय संरक्षक एवं छत्तीसगढ़ के माटी पुत्र स्वर्गीय कुमार दिलीप सिंह जूदेव की प्रतिमा का अनावरण कर जनसभा को संबोधित किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख ने कहा कि जनजातीय गौरव, भारत का गौरव है। उन्होंने कहा कि वनवासी बंधु प्रकृति की पूजा करते हैं, ये हमारी संस्कृति का अहम हिस्सा है। इस पूजन पद्धति को वनवासी समाज ने ही दिया है। क्योंकि यहां झूठ नहीं होता किसी प्रकार की अप्रमाणिकता नहीं होती। मोहन भागवत जी ने बताया कि नदी, नाले, पेड़, पशु, पक्षी सभी में इश्वर को देखने वाला आदिवासी समाज कभी अपने फायदे के लिए पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाता है। उन्होंने कहा कि जनजातीय गौरव पूरे भारत का गौरव है, इसलिए पूरे देश वासियों को जनजातीय समाज के साथ खड़े होना चाहिए, जैसे दिलीप सिंह जूदेव हमेशा खड़े रहते थे।

कार्यक्रम के दौरान दिलीप सिंह जूदेव के जीवन और व्यक्तित्व पर आधारित डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म भी दिखाई गई साथ ही आदिवासी नर्तक दलों ने अपने नृत्य से सभी के मन को मोहने का प्रयास किया। पूर्व मंत्री व विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा दिलीप सिंह जुदेव का जीवन एक किताब की तरह है, जिसमें उनके संघर्षों से लेकर जनहित के लिए उठाए हर कदम से बहुत कुछ पढ़ा और पढ़ाया जा सकता हैं। उन्होंने बताया कि वे पर्यावरण प्रेमी थे, कभी भी ऐसी गतिविधियों के पक्षधर नहीं रहे जिससे प्रकृति और वनवासी समाज को नुकसान पहुंचता हो।

पूर्व मंत्री व विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि सनातन संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए उन्होंने जो प्रयास किए वो इतिहास में दर्ज है, उसे कभी नहीं भूला जा सकता। छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और ओडिशा में उन्होंने लाखों आदिवासियों को अपने मूल हिंदू धर्म में लाने के लिए कई सालों तक अभियान चलाया। सनातन धर्म की ध्वजा को जिस तरह उन्होंने थामा आज समस्त हिंदू समाज और सनातन संस्कृति के लिए प्रेरणा है। दिलीप सिंह जुदेव की प्रतिमा का लोकार्पण होना ऐतिहासिक पल है, उनका जीवन युवा पीढ़ी को सदैव प्रेरित करेगा।

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