निःस्वार्थ सेवा की मिसाल पेश कर रही समाजसेवी संस्था फर्ज
धमतरी। कहावत है कि जिसका कोई नही होता उसका खुदा होता है. लेकिन वो किस रूप में और कहां है ये कोई नही जानता. मगर ये भी हकीकत है कि वो किसी न किसी को गरीब बेसहारा और दीन दुखियों का सहारा बनाकर उनकी तकलीफों को दूर करने जरूर भेजता है. चाहे कोई समाजसेवी संस्था हो या कोई दानी हो किसी न किसी के जरिये बेसहारों के चेहरे में मुस्कान बिखर ही जाती है. कुछ ऐसा ही धमतरी शहर में भी देखने को मिल रहा है. जहां फर्ज नाम की एक समाजसेवी संस्था निःस्वार्थ सेवा की मिसाल पेश कर रही है. फर्ज संस्था के संस्थापक अब्दुल राशिद एवं उनसे जुड़े मकसूद आलम, बंटी वाधवानी, कमलेश पटवा, शेख बंटी, सूरज चावला, जगेंद्र मेश्राम, ललित साहू सहित अन्य सदस्य पिछले कई महीने से शहर में घूम घूमकर फुटपाथ पर रह रहे गरीब बेसहारा लोगों को रोजाना भोजन बांट रहे हैं, इसके अलावा नए कपड़े, चप्पल, चटाई, मच्छरदानी, टूथब्रश, टूथपेस्ट, साबुन समेत जरूरत के अन्य सामान वितरित कर रहे हैं. इतना ही नहीं उन्हें साफ सुथरे ढंग से रहने और अपने आसपास सफाई रखने के लिये प्रेरित भी कर रहे हैं ताकि गंदगी के कारण उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर न पड़े. चूंकि कई दिनों से बाल नही कटने के कारण इन फुटपाथियों के सिर और दाढ़ी के बाल भी काफी बढ़ चुके थे, जिसके कारण आम लोग इनसे दूरी बनाकर रख रहे थे, ऐसे में फर्ज संस्था ने सेलून संचालक को उनके पास ले जाकर सिर और दाढ़ी के बाल भी कटवाए. संस्था के संस्थापक अब्दुल राशिद का कहना है कि धमतरी शहर में कई ऐसे गरीब और बेसहारा लोग घूम रहे हैं, जिनको लोग देखते तो हैं लेकिन देखकर भी अनदेखा कर देते हैं. ऐसे में किसी न किसी को इंसानियत के तौर पर फर्ज निभाना जरूरी है. इसी सोच के साथ उनकी संस्था फर्ज गरीबों की सेवा में जुटी है. अभी तो सेवा की शुरूआत धमतरी शहर से हुई है, आगे शहर से बाहर निकलकर शासन प्रशासन के सहयोग से ग्रामीण अंचलों और वनांचल में भी गरीब और जरूरतमंदो की सेवा करना, आदिवासी अंचलों में लड़कियों की शिक्षा पर जोर देना, पिछड़े इलाकों में लोगों को जरूरत की सामग्री मुहैया कराना तथा निचले तबके के लोगों को ऊपर उठाकर सभी के चेहरे पर मुस्कान लाना संस्था का उद्देश्य है।