शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए व्यवस्था को मजबूत बनाएं : कलेक्टर
राजनांदगांव। कलेक्टर डोमन सिंह ने कलेक्टोरेट सभाकक्ष में स्कूल शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक ली। इस दौरान समस्त विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, सहायक विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयक विडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से जुड़े रहे। कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए सभी समन्वित तरीके से कार्य करें। उन्होंने कहा कि जिले में प्रारंभ किए गए नवाचार 10वीं एवं 12वीं बोर्ड की नि:शुल्क ऑनलाईन कोचिंग तथा प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए नि:शुल्क ऑनलाईन कोचिंग को आगे बढ़ाने के लिए कार्य करें। शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए व्यवस्था को सक्रिय करते हुए मजबूत बनाएं। उन्होंने कहा कि इससे वनांचल क्षेत्र के बच्चे भी लाभान्वित हो रहे हैं। ज्यादा से ज्यादा बच्चों को जिला प्रशासन द्वारा प्रारंभ किए गए नि:शुल्क कोचिंग से जोड़े। उन्होंने कहा कि बच्चों को पढ़ाने में जिला स्तरीय अधिकारियों की ड्यूटी लगी है। जिससे बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रोत्साहन मिल रहा है। उन्होंने कहा कि हर विकासखंड के दो स्कूल को आदर्श स्कूल के रूप में विकसित करना है। इन स्कूलों में बांस से बने हट बनाएं जा सकते हैं, जहां बच्चे खेल सकते हैं। इसके लिए जनसहभागीदारी आवश्यक है। उन्होंने हट बनाने के लिए प्राक्कलन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने स्मार्ट टीवी के माध्यम से बच्चों को जोड़ते हुए अध्यापन कार्य के लिए प्रत्येक विकासखंड हेतु एक-एक लाख रूपए की राशि स्वीकृत करने की बात कही। उन्होंने कहा कि इससे बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए टेस्ट की प्रक्रिया, बेस लाईन सर्वे की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि कमजोर बच्चों पर ध्यान देते हुए उन्हें अलग से अभ्यास कराएं। कलेक्टर ने सभी अधिकारियों को हर-घर झंडा अभियान में सहभागिता के लिए बधाई दी।
कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि हर ग्राम पंचायत में प्ले ग्राऊंड होना चाहिए। इसके लिए प्रस्ताव प्रस्तुत करें। उन्होंने प्ले ग्राऊंड में समतलीकरण एवं नाली निर्माण कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन अंतर्गत हर स्कूल में पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करें। मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था की मॉनिटरिंग करें तथा बच्चों को मेनू के अनुसार भोजन प्रदान करें। उन्होंने कहा कि ज्यादा जर्जर स्कूलों को डिस्मेंटल कराएं तथा ऐसे स्कूल जहां मरम्मत की आवश्यकता हो वहां कार्य कराएं। एकल शिक्षकीय स्कूलों की जानकारी दें, ताकि वहां समस्या दूर की जा सकें। कलेक्टर ने स्कूलों में शौचालय की स्थिति के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने वर्तमान में संचालित समस्त आत्मनंद शालाओं में शिक्षकों की भर्ती एवं विद्यालय में दर्ज संख्या एवं नवीन स्वीकृत आत्मानंद स्कूलों में अधोसंरचना, प्रतियोगी परीक्षा हेतु ऑनलाईन कोचिंग में विकासखण्डवार उपस्थित बच्चों की जानकारी ली। धन्वंतरी किट का जेनेरिक मेडिकल स्टोर से क्रय, सी-मार्ट से सामग्री का क्रय, लंबी अनुपस्थित वाले शिक्षकों की जानकारी, कोविड वैक्सीनेशन प्रिकॉशन डोज की जानकारी, कक्षा 6वीं से 12वीं तक अध्ययनरत विद्यार्थियों हेतु उपचारात्मक शिक्षण की समीक्षा की। उन्होंने प्राथमिक शालाओं में प्रिंट रिच वातावरण एवं इंटरनेट सुविधा हेतु बजट का आबंटन, एफएलएन टीएलएम मेले का संकुल एवं विकासखण्ड स्तर पर आयोजन की स्थिति, पीएम श्री विद्यालय कार्य की प्रगति पर चर्चा की। शाला प्रबंध समिति, संकुल, विकासखण्ड एवं जिला स्तरीय प्रशिक्षण, छत्तीसगढ़ महतारी दुलार योजना, जाति प्रमाण पत्र, इंस्पायर एवार्ड, छात्रवृत्ति, की जानकारी ली। इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी राजेश सिंह, परियोजना अधिकारी साक्षरता मिशन श्रीमती रश्मि सिंह, सहायक संचालक शिक्षा विभाग श्री आदित्य खर्रे, सहायक परियोजना समन्वयक शिक्षा विभाग श्री सतीश ब्योहारे एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।