रैली निकालकर किसान सभा ने 2 घण्टे चक्काजाम किया,सफल रहा भारत बंद , किसान सभा माकपा ने जनता का माना आभार
कोरबा । किसान विरोधी तीन काले कानूनों और मजदूर विरोधी चार श्रम संहिताओं के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा और केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा आहूत भारत बंद को ऐतिहासिक बनाते हुए कोरबा जिले में चक्काजाम को सफल बनाने के लिए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी,छत्तीसगढ़ किसान सभा,सीटू के कार्यकर्ता सड़को पर उतरे आंदोलनकारि नेताओं ने आम जनता का आभार व्यक्त किया है और कहा है कि मोदी सरकार की कॉर्पोरेटपरस्ती के खिलाफ उनका संघर्ष तब तक जारी रहेगा, जब तक कि ये कानून वापस नहीं लिए जाते और देश को बेचने वाली नीतियों को त्यागा नहीं जाता। उन्होंने कहा है कि इस देशव्यापी बंद में 40 करोड़ लोगों की प्रत्यक्ष हिस्सेदारी ने यह साबित कर दिया है कि भारतीय लोकतंत्र को मटियामेट करने की संघी गिरोह की साजिश कभी कामयाब नहीं होगी।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव प्रशांत झा,छत्तीसगढ़ किसान सभा के जिलाध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर, सीटू नेता वी एम मनोहर,माकपा पार्षद राजकुमारी कंवर,दीपक साहू,प्रताप दास ने चक्काजाम को संबोधित करते हुए कहा कि जिले में बंद का व्यापक प्रभाव रहा तथा जिले कई स्थानों में प्रदर्शन हुए तो बांकी मोंगरा में किसानों मजदूरों ने 2 किलोमीटर रैली निकालकर 2 घंटे तक बांकी सुतर्रा रोड पर चक्का जाम किया।
चक्का जाम में माकपा, किसान सभा, सीटू के कार्यकर्ताओं ने भी बड़े पैमाने पर हिस्सा लिया और मोदी सरकार की मजदूर-किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ अपनी आवाज़ बुलंद की।
आंदोलनकारियों ने कहा कि देशव्यापी कृषि संकट से उबरने और किसान आत्महत्याओं को रोकने का एकमात्र रास्ता यही है कि उनकी उपज का लाभकारी मूल्य मिले, जिससे उनकी खरीदने की ताकत भी बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था भी मंदी से उबरेगी। इस आंदोलन के दौरान किसान नेताओं ने जल कर,संपत्ति कर,मनमाने बिजली बिल,मनरेगा, वनाधिकार कानून, विस्थापन और पुनर्वास, आदिवासियों के राज्य प्रायोजित दमन और 5वी अनुसूची और पेसा कानून जैसे मुद्दों को भी उठाया।
रैली चक्काजाम में प्रमुख रूप से जवाहर सिंह कंवर, वी एम मनोहर, प्रशांत झा,अशोक, प्रताप दास,अभिजीत, हुसैन अली, राजकुमारी कंवर(पार्षद),संजय यादव,जय कौशिक, शिवरतन, सत्रुहन, दिलहरण बिंझवार,दिलीप दास, देव कुंवर,तेरस बाई, सावित्री चौहान,दिलहरण चौहान, नरेन्द्र साहू,जीवन दास समेत बड़ी संख्या में किसान मजदूर उपस्थित थे।
“बी एन यादव की रिपोर्ट”