मुख्यमंत्री के राजिम में आगमन को लेकर जिले की मांग गरमाया,संभावित 5 एवं 6 दिसंबर को सीएम आगमन के लिए तैयारियां शुरू
“संतोष सोनकर की रिपोर्ट”
राजिम। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के संभावित 5 एवं 6 दिसंबर को राजिम में भेंट मुलाकात होने को लेकर गरियाबंद जिला कलेक्टर प्रभात मलिक ने तैयारियां शुरू कर दी है। सारे कार्य अलग-अलग विभागों को सौंप दी गई है। जानकारी के मुताबिक यातायात सुरक्षा व्यवस्था से लेकर साफ सफाई, भेंट मुलाकात, नाश्ता, हितग्राहियों से बातचीत इत्यादि सभी व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए जिले के प्रमुख अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है। इधर शहर के मेला मैदान में फिर से बैरिकेट्स लगाए जा रहे हैं। टेंट आकार ले रहे हैं। मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में किसी भी तरह की कोई कमी ना हो इस बात का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। जिम्मेदार अधिकारी एक-एक बिंदुओं को नोटिस कर रहे हैं। मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के संबंध में वह कहां रुकेंगे तथा भगवान राजीवलोचन का मंदिर जाएंगे कि नहीं अभी बता पाना मुश्किल है परंतु अधिकारियों का कहना है कि पुराने रूट के आधार पर ही कार्यक्रम होना है वह भगवान राजीवलोचन का दर्शन भी करेंगे और भेंट मुलाकात इत्यादि कार्यक्रम होगा परंतु सभी स्थितियां प्रोटोकॉल के साथ ही साफ हो जाएगी। बताना होगा कि गुरुवार को जिला कलेक्टर ने विभिन्न सामाजिक प्रमुखों की बैठक रखी थी इस दरमियां सामाजिक बंधुओं ने राजिम को जिला बनाने के लिए मांग पत्र भी मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को सौंपा। यह खबर प्रिंट एवं सोशल मीडिया में दौड़ने लगी, इससे जिला की मांग गरमाने लगी है। अभी से जिधर देखो उधर सिर्फ राजिम जिला की ही बात चल रही है। लोगों का स्पष्ट कहना है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राजिम जिला बनाने के लिए ही आ रहे हैं। गांव शहर सभी जगह उत्साह का माहौल बनते हुए दिख रहा है। उल्लेखनीय है कि 6 नवंबर को शहर के रेस्ट हाउस में सर्वदलीय बैठक आयोजित हुई थी जिसमें कांग्रेस, भाजापा, बहुजन समाज पार्टी, अधिवक्ता संघ, व्यापारी संघ, पत्रकार, साहित्यकार, किसान, मजदूर सभी वर्ग के लोग मौजूद थे और सभी ने एक स्वर में राजिम जिला बनाने की मांग पर आवाज बुलंद किया था। अपने उद्बोधन में राजिम विधायक अमितेश शुक्ला ने कहा था कि मुख्यमंत्री के जिले में प्रवास के दौरान राजिम जिले की मांग जोर-शोर से उठाऊंगा। तब से लेकर आम जनता पूरी मन बना चुके हैं कि अब राजिम जिला बनेगा। मुख्यमंत्री के आगमन से लोगों की उम्मीदें बढ़ गई है पिछले 19 नवंबर को जब उनके आगमन की तिथि निर्धारित हुई थी तब जिले की मांग शीर्ष क्रम पर थे परंतु उनका आना कैंसिल हो गया। बड़ी मुश्किल से लोगों के 15 दिन गुजर रहे हैं। क्षेत्र में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है। अब तो यहां के लोग एक-एक दिन भी गिन रहे हैं। बताना होगा कि धर्म नगरी राजिम छत्तीसगढ़ का प्रयाग है। यहां तीन नदियों का संगम है प्रमुख रूप से भगवान विष्णु का राजीवलोचन मंदिर, शिव का संगम के मध्य में स्थित पंचमुखी कुलेश्वरनाथ महादेव का मंदिर, कमल क्षेत्र की आराध्य देवी मां महामाया का मंदिर समेत अनेक प्राचीन कालीन मंदिरों में उत्तीर्ण कला नक्काशी पूरी दुनिया में कौतूहल का विषय है। वैष्णव, शैल एवं शाक्य मतावलंबी बड़ी संख्या में पर्व त्यौहार के अलावा अन्य अवसरों पर भी आते हैं। यहां की प्रसिद्धि से प्रभावित होकर लोग इन्हें निहारने जरूर उपस्थित होते हैं। देश के सभी बड़े तीर्थ नगरी जिला मुख्यालय के रूप में अस्तित्व में आ चुके हैं। लोग राजिम को भी जिला के रूप में देखना चाहते हैं और 2023 का माघी पुन्नी मेला नए राजिम जिला में होने की इच्छा रखते हैं।