breking news 4 वर्षीय बच्चे की हुई थी हत्या,नाबालिक निकला हत्यारा , पुलिस ने मामले को 12 घंटे के भीतर सुलझाया
”बीएन यादव की रिपोर्ट”
कोरबा। चौकी मानिकपुर अंतर्गत नेहरूनगर कुआंभट्ठा बस्ती में मिले एक 4 वर्षीय बच्चे की हत्या की गुत्थी सुलझाने में पुलिस को सफलता मिली है । इस मामले में 04 वर्षीय बच्चे की हत्या एक 11 वर्षीय नाबालिग के द्वारा किया गया है । हत्या का वजह पूर्व विवाद पाया गया है ।
मामले का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि 21 अप्रैल को प्रार्थी श्यामदास पिता बुधवार दास निवासी नेहरूनगर कुआंभट्ठा का चौकी मानिकपुर में रिपोर्ट दर्ज कराया कि प्रार्थी का 4 वर्ष का नाबालिग पुत्र अंशुदास दोपहर 11 बजे घर से निकला है जो वापस नहीं आया है, रिपोर्ट पर मानिकपुर चौकी में अज्ञात व्यक्ति के द्वारा नाबालिग का अपहरण करने की आशंका पर धारा 363 भादवि के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध कर नाबालिक की तलाश की जा रही थी ।
घटना की सूचना पुलिस अधीक्षक कोरबा भोजराम पटेल को मिलने पर मामले की गंभीरता एवं संवेदनशीलता को देखते हुए नाबालिक बालक के तलाश हेतु अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा के नेतृत्व , नगर पुलिस अधीक्षक योगेश साहू के पर्यवेक्षण में थाना प्रभारी कोतवाली रामेंद्र सिंह, चौकी प्रभारी मानिकपुर उप निरी मयंक मिश्रा,चौकी प्रभारी रामपुर निरी राजीव श्रीवास्तव,चौकी प्रभारी सीएसईबी उप निरी नवल साव एवं साइबर सेल प्रभारी उप निरी कृष्णा साहू के साथ करीब 25 से अधिक अधिकारी कर्मचारियों को मिलाकर विशेष टीम बनाकर नाबालिग के तलाश हेतु लगाया गया था । टीम द्वारा नाबालिग के जाने एवं अज्ञात अपहरणकर्ता द्वारा नाबालिग को लेकर भागने के संभावित सभी स्थानों पर अलग-अलग तलाश किया जा रहा था, साथ ही शहर में लगे हुए सीसीटीवी कैमरे एवं अन्य तकनीकी माध्यम से अपहरणकर्ताओं एवं नाबालिक बालक का तलाश किया जा रहा था , तलाशी के दौरान मुखबिर के माध्यम से सूचना प्राप्त हुआ कि एक नाबालिग बालक का शव नेहरूनगर कुआंभट्ठा के पास स्थित झाड़ियों में पाया गया है, जिसका तस्दीक करने पर वह शव 4 वर्षीय नाबालिक बालक अंशुदास का होना पाया गया । मामले में पुलिस द्वारा मर्ग कायम कर अग्रिम कार्यवाही शुरू की गई, मौके पर स्निफर डॉग एवं सीन ऑफ क्राइम यूनिट के वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी लीलाधर कंवर को भी बुलाया गया ।
नाबालिक के हत्या के संभावित कारणों जैसे परिवार से दुश्मनी ,फिरौती हेतु अपहरण, यौन हिंसा आदि बिंदुओं पर फोकस कर अज्ञात आरोपी के तलाश हेतु अलग अलग टीम द्वारा लगातार जांच किया जा रहा था । इसी दौरान ज्ञात हुआ कि दोपहर में मृतक अंशुदास अपने 11 वर्षीय नाबालिक साथी के साथ घटनास्थल के पास खेलते हुए देखा गया था इस आधार पर नाबालिक से पूछताछ करने पर उसने अपराध करना स्वीकार कर लिया, जिसने बताया कि 4 वर्षीय मृतक अंशुदास करीब 3 माह पूर्व उसे पत्थर से मारा था साथ ही उसे हमेशा चिढ़ाया करता था , जिसके कारण क्षुब्ध होकर एवं बदला लेने की नीयत से दोपहर में मृतक अंशुदास को खेलने के बहाने बुलाया और घटनास्थल पर ले जाकर ईंट से सिर में वार कर उसकी हत्या कर दिया और शव को झाड़ियों में छिपा दिया । मामले में नाबालिग के विरुद्ध धारा 363, 302, 201 भादवी के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध कर नाबालिग को हिरासत में लेकर बाल न्यायालय में प्रस्तुत किया जा रहा है ।
इस मामले को सुलझाने में स्निफर डॉग बाघा का भी महत्वपूर्ण भूमिका रहा है ।