विधायक दल ने ली जिले के जलाशयों में पानी की उपलब्धता की जानकारी
धमतरी। प्रदेश के वरिष्ठ विधायकों का दल आज सुबह गंगरेल जलाशय स्थित विश्रामगृह में पहुंचा, जहां पर जिले के जलाशयों में जलभराव की स्थिति की जानकारी ली। कोंडागांव विधायक मोहन मरकाम, रायपुर ग्रामीण विधायक सत्यनारायण शर्मा, अभनपुर विधायक धनेन्द्र साहू तथा बस्तर विधायक लखेश्वर बघेल ने आज जिले के प्रवास के दौरान जल संसाधन विभाग के रेस्ट हाउस में विभागीय अधिकारियों की बैठक ली। इस दौरान कलेक्टर पी.एस. एल्मा ने बताया कि पिछले कुछ सप्ताह से बारिश होने से फिलहाल खेतों को पानी मिल रहा है। उन्होंने कहा कि जिले के चारों जलाशयों में अभी औसतन 46 प्रतिशत जलभराव है, जिसमें रविशंकर सागर गंगरेल जलाशय में 42 प्रतिशत, दुधावा में 29 प्रतिशत, सोंढूर में 52 तथा बाबू छोटेलाल श्रीवास्तव मुरूमसिल्ली जलाशय में 62 प्रतिशत जलभराव है।
बैठक में कार्यपालन अभियंता जल संसाधन विभागप एमडी महंत ने बताया कि वर्तमान में जिले के चारों जलाशयों में 21.17 टीएमसी जलभराव है, जिसमें 12.85 टीएमसी पानी भिलाई इस्पात संयंत्र, नगर निगम रायपुर व धमतरी के पेयजल तथा निस्तारी के लिए आरक्षित है, जबकि कृषि के लिए 8.32 टीएमसी जल की उपलब्धता है। पानी की आवक की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि पिछले सप्ताह से हो रही बारिश से गंगरेल जलाशय में 3348 क्यूसेक, मुरूमसिल्ली में 926, दुधावा में 197 और सोंढूर जलाशय में 1355 क्यूसेक पानी की आवक आज की स्थिति में बनी हुई है। साथ ही यह भी बताया गया कि जिले की वार्षिक औसत वर्षा 1240 मिलीमीटर है, जबकि अब तक 700 मिलीमीटर बारिश हुई है, इस तरह औसत वर्षा से 500 मिलीमीटर कम पानी उपलब्ध है। इस पर विधायकों द्वारा पूछे जाने पर कार्यपालन अभियंता ने बताया कि अगर आज की स्थिति में रविशंकर जलाशय से कृषि कार्य के लिए पानी छोड़ा जाता है, तो यह सिर्फ 12 से 15 दिनों तक के लिए उपलब्ध हो पाएगा।
बैठक के उपरांत विधायकों ने मां अंगारमोती मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना की तथा प्रदेशवासियों के अमन-चैन, खुशहाली व समृद्धि के लिए आशीर्वाद मांगा। इस अवसर पर विधानसभा कार्यालय के सेक्शन ऑफिसर डॉ. बलराम शुक्ला, पर्यटन विभाग के ऑपरेशन चीफ दिलीप आचार्य, सीनियर मैनेजर टी.एन. सिंह, वरिष्ठ नागरिक द्वय शरद लोहाणा और मोहन लालवानी सहित अनुविभागीय अधिकारी राजस्व धमतरी चंद्रकांत कौशिक, जल संसाधन विभाग के अधिकारीगण उपस्थित थे।
“वैभव चौधरी की रिपोर्ट”