सुआ नृत्य दल की प्रस्तुति ने किया राहगीरों को भाव विभोर

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“संतोष सोनकर की रिपोर्ट”

राजिम। शहर में पिछले 15 दिनों से लगातार सुआ नृत्य दल के द्वारा शानदार प्रस्तुति दी जा रही है रविवार को छुट्टी का दिन होने के बावजूद भी सभी दुकाने लगभग खुली रही और तो आप दुकानों में भीड़ इस कदर बढ़ी ही थी की व्यापार को पंख लग गए हैं। शानदार बस आए होने से एक और व्यापारी प्रसन्न है तो दूसरी ओर खरीददार अपनी पसंद की सामान खरीद कर ले जा रहे हैं और इस बार जोरदार दीपावली मनाने की खुशियां चेहरे पर झलक रही है कहीं-कहीं पर रविवार को धनतेरस मनाया गया तो कहीं पर नरक चतुर्दशी में 14 दिए जलाए गए। सुबह से लेकर सुआ नृत्य दल के द्वारा शानदार प्रस्तुतियां दी जा रही थी शहर के अलावा आस-पास के गांव की बालिकाओं तथा महिलाएं बड़ी संख्या में छत्तीसगढ़ी वेशभूषा धारण कर हाथ में चुटकी लेकर चुटकी आवाज गुंजायमान हो रही थी तरी हरि न हुआ हो… की प्रस्तुति ने मंत्रमुग्ध कर दिया। श्यामनगर से पहुंचे सुबह नृत्य दल में 15 साल से 55 साल तक के महिलाएं सुगंधित कर रही थी इनमें 10 से 12 की संख्या में नहीं आए एक साथ कभी झुक कर तो कभी खड़ा होकर गीत गाती हुई प्रस्तुतियां दे रही थी आने जाने वाले राहगीर उनके प्रस्तुति को देखकर भाव विभोर हो रहे थे वैसे भी सुआ नृत्य के साथ गीत गाया जाता है जिसमें एक महिला दूसरे महिला को अपने मायके व ससुराल की बात बताती है और सुख-दुख बातों में ही खो जाती है। एक साथ मिलकर महिलाएं आनंदित महसूस करती है वैसे भी दीपावली एकता भाईचारा एवं मेल मिलाप का पर्व है।

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