सहसपुर लोहारा नगर पंचायत अध्यक्ष-उपाध्यक्ष ने दायर की थी याचिका अविश्वास प्रस्ताव पर कार्यवाही कराने के आदेश पर हाई कोर्ट की रोक

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“दीपक ठाकुर की रिपोर्ट”

कवर्धा। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट बिलासपुर की डिवीजन बेंच ने सहसपुर लोहारा नगर पंचायत के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव पर 30 दिनों के भीतर कार्यवाही करने के सिंगल बेंच के आदेश पर रोक लगा दी है। सहसपुर लोहारा नगर पंचायत के पार्षद मनीष नागराज, अजय कुमार यादव, अंजुराम पटेल, जगदीश पटेल ने पूर्व में हाई कोर्ट में याचिका प्रस्तुत की थी। उन्होंने हाई कोर्ट को बताया था कि सहसपुर लोहारा नगर पंचायत अध्यक्ष उषा मनहरण श्रीवास व उपाध्यक्ष आभा महेन्द्र श्रीवास्तव के खिलाफ धारा 43 ए छ0ग0 नगर पालिका अधिनियम 1961 के तहत अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है। उन्होेंने हाईकोर्ट से मांग की थी कि अधिनियम के तहत अविश्वास प्रस्ताव की कार्यवाही पूर्ण कराने आदेश जारी किया जाए। उनकी इस मांग पर जस्टिस अरविंद चंदेल ने आदेश दिया था कि अविश्वास प्रस्ताव पर 30 दिनांे की भीतर कार्यवाही की जाए। सिंगल बेंच के आदेश के खिलाफ नगर पंचायत अध्यक्ष व उपाध्यक्ष ने डिवीजन बेंच में अपील की थी। इसमें अविश्वास प्रस्ताव की कार्यवाही कराने के आदेश को रोकने की मांग की गई थी। इस याचिका में कहा गया था कि सहसपुर लोहारा नगर पंचायत के पार्षदों ने जो याचिका दायर की थी उसमें अध्यक्ष व उपाध्यक्ष को पार्टी नहीं बनाया गया था। इसी तरह यह बताया गया था कि अविश्वास प्रस्ताव की मांग वाले आवेदन पर पार्षदों के हस्ताक्षरों का मिलान नहीं हो रहा है। अध्यक्ष उपाध्यक्ष ने अपनी याचिका में कहा था कि 10 पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव की मांग की है लेकिन इनमें से केवल 04 पार्षदों ने ही हाईकोर्ट में याचिका लगाई है। अध्यक्ष व उपाध्यक्ष की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस आरूप गोस्वामी व संजय अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने याचिका को सुनवाई योग्य मानते हुए पूर्व में सिंगल बेंच के द्वारा 30 दिनों के भीतर अविश्वास प्रस्ताव की कार्यवाही करने के दिए गए आदेश पर रोक लगा दी है।

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