बिजली कटौती से सब्जी उत्पादक किसान परेशान
“संतोष सोनकर की रिपोर्ट”
राजिम। शहर से लगा हुआ गांव चौबेबांधा में इन दिनों सब्जी उत्पादक किसान बिजली कटौती के चलते बहुत परेशान हैं। यहां दो प्रकार के कनेक्शन बांटी गई है जिनमें से पहला घरेलू कनेक्शन तथा दूसरा खेत एवं बाड़ी के लिए दी गई कनेक्शन। इनमें से खेत एवं बाड़ी के लिए बांटी गई कनेक्शन पर कभी भी बिजली काट दी जाती है। प्रत्येक शाम को 5:00 बजे से बिजली बंद रहती है तो रात भर के अलावा सुबह कभी छ: बजे आते हैं तो कभी 8:00 बजे आते हैं उनके बाद भी कभी भी बिजली काट दी जाती है कई बार तो 2 दिन 3 दिन तक लगातार बिजली कटौती होती रहती है जिससे किसान अपनी फसलों पर सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं। बाड़ी में लगाए हुए पौधा के झुलसने से किसानों को बहुत बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है। उल्लेखनीय है कि यह वाक्य न सिर्फ चौबेबांधा बल्कि आसपास के दर्जनों गांव में प्रतिदिन चल रहे हैं यही स्थिति रही तो किसानों की आर्थिक स्थिति कमजोर हो जाएगी जिनकी जिम्मेदार विभाग तो माना जाएगा। किसानों ने बताया कि वर्तमान में खेती करना बहुत महंगा हो गया है पौधों से लेकर खाद दवाई मजदूर ट्रैक्टर से जुताई आदि सभी की कीमत बढ़ी हुई है ऐसे में फसल अच्छी हो जाए और कीमत भी अच्छी मिल जाए तब तो किसान की लागत मूल्य वसूली हो जाती है लेकिन यदि फसल ठीक से ना हो तब किसानों को बहुत बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है जिनकी भरपाई करना मुश्किल होता है प्रदेश सरकार नरवा गरवा घुरवा बाड़ी योजना लागू की है लेकिन अंचल के किसानों को बाड़ी योजना का लाभ होते हुए नहीं दिख रहा है। अभी तक यह योजना इन किसानों के पास नहीं पहुंची है। यहां के किसान अपने दम पर बाडी लगा रहे हैं और उससे जो कुछ भी इनकम होती है जिसके चलते अपनी जिंदगी चला रहे हैं। जानना जरूरी है कि इस बार मौसम की उटपटांग हरकत के चलते जिस ढंग से फसल से उपज प्राप्त होनी चाहिए थी नहीं हो पाई है जिससे किसानों की हालत पतली हो गई है बाजारों में आने वाले अधिकांश सब्जियां रायपुर दुर्ग भिलाई राजनांदगांव बेंगलुरु नागपुर आदि से मंगाई जाते हैं लोकल आवक ना के बराबर है। किसानों की आर्थिक स्थिति अत्यंत पतली होती दिख रही है किसानों ने सरकार से कम से कम सब्जी उत्पादन के लिए दी गई कनेक्शन पर बिजली कटौती ना करने की गुहार लगाई है।